Almora : उत्तराखंड को बुनियादी सुविधाओं को लेस किये बिना महिला स्वावलंबन व पलायन रोकने की बात बेईमानी : विनय करौला

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा धर्म निरपेक्ष युवा मंच के संयोजक विनय किरौला ने कहा कि उत्तराखंड को बुनियादी सुविधाओं से लेस किये बिना प्रदेश से पलायन…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

धर्म निरपेक्ष युवा मंच के संयोजक विनय किरौला ने कहा कि उत्तराखंड को बुनियादी सुविधाओं से लेस किये बिना प्रदेश से पलायन को रोकना व महिला स्वावलंबन की बात बेईमानी ही साबित होगी। किरौला यहां स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर धर्म निरपेक्ष युवा मंच के तत्वावधान में ”स्वालंबन उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में” विषय पर जवाहर सहयोग निधि के सभागार में आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

मंच संयोजक विनय किरौला ने बताया कि आज नितांत आवश्यकता है कि युवाओं के पलायन रोकने व महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को रोजगार से जोड़ने के लिये स्वालंबन अपनाना जाये। साथ ही सरकार को उत्तराखंड को बुनियादी सुविधाओं से लेस करने की नीति बनाने की जरूरत है, ताकि युवा व महिलाएं उद्धमीता कर सके।

जोहार सहयोग समिति के जवाहर सिंह के कहा कि हमारा पारंपरिक काम दन, चटाई, शाल व कालीनों की बुनाईयां सरकार के पर्याप्त संरक्षण व स्पष्ट नीतियों के अभाव के कारण आज लगभग बंदी के कगार पर है।
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सुषमा आर्य, धना धानी आदि महिलाओं ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की सार्थकता सिर्फ बैंक से लोन लेने तक सीमित ना हो बल्कि इससे एक कदम आगे रोजगार मुहैया कराना भी हो। सरकारी को इस दिशा में नीतिगत बदलाव करने की जरूरत है, इसमें प्राथमिकता के साथ पहल होने के साथ ही समूहों को रोजगार देने की नीतियां भी बने।

महिला उद्धमी कमला भंडारी जो मधु पालन में अग्रणी काम कर रही है ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं व युवाओं को मधु पालन कर उद्धमी बनने की दिशा में मार्गदर्शन दिया। कुमाउनी पत्रिका पहरू के संपादक हयात सिंह रावत ने कहा कि गांवों में खेती बचानी है तो चकबंदी अत्यंत आवश्कय है।
देवा कनवाल, पूरन कनवाल, दयाल कनवाल ने एक एक स्वर में अपनी बात रखते हुए कहा कि बंदरों-सुवरों का आतंक ने खेती बर्बाद कर दी है। इस दिशा में सरकार को नीति बनाने की आवश्कता है।

इस अवसर पर धर्मनिरपेक्ष युवा मंच संयोजक विनय किरौला, मीडिया समन्वयक मयंक पंत, ब्लॉक समन्वयक निरंजन पांडेय, गिरीश तिवारी, मनीष भाकुनी, उपप्रधान माट मोहन मेहरा, भीम रावत, मुन्ना लटवाल, देवा कनवाल, पूरन कनवाल, दयाल कनवाल, अशोक भंडारी, भास्कर देवड़ी, नरेंद्र बिष्ट, सतीश कुमार, पंकज कुमार, आनंद रावत, विनोद जोशी, सुरेंद्र रावत, अनिता आर्य, पूरन रौतेला, देवेंद्र नेगी, सुषमा आर्य, रेशमा परवीन, दीपक बिष्ट आदि मौजूद रहे।

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