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Bageshwar: एसडीएम के आदेश को ठेंगा, धड़ल्ले से नदी में उढ़ेल रहे मलबा


— जिले की नदियां प्रदूषित, खुद के बोर्ड की धज्जियां उड़ाई
— नमामि गंगे परियोजना पर प्रश्नचिह्न, पेनॉल्टी ठोकी जाएगी

दीपक पाठक, बागेश्वर

उप जिलाधिकारी के आदेश को दरकिनार रख लोक निर्माण विभाग ने नदी में मलबा डालने का सिलसिला बरकरार रखा है। जिले में बागेश्वर-गिरेछीना मोटरमार्ग के चौड़ीकरण कार्य के चलते नदी में गिराया जा रहा मलबा इस बात का स्पष्ट उदाहरण बना है। चौड़ीकरण कार्य के दौरान निकला मलबा डंपिंग जोन के बजाय नदी में उढ़ेला जा रहा है। जिससे गोमती समेत सरयू नदी भी प्रदूषित हो रही है।

मालूम हो कि पूर्व में पर्यावरण प्रेमियों ने उप जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि लोनिवि सड़कों के सुधारीकरण व चौड़ीकरण कार्य का मलबा नदी में डाल रहा है। इस पर उप जिलाधिकारी हरगिरी ने अधिशासी अभियंता लोनिवि को आदेश दिए थे कि नदी में मलबा डालना बंद किया जाए। उन्होंने अब तक डाले गए मलबे पर पेनाल्टी ठोकने की बात भी कही थी, किंतु इसके बावजूद भी लोक निर्माण विभाग द्वारा शुक्रवार को भी देर रात तक लोनिवि के अधिकारियों की उपस्थिति में खनन व मलबा नदी में डालने का कार्य होता रहा, जो कि शनिवार को भी सुबह से ही जारी है।
खुद के प्रतिबंध की धज्जियां

बागेश्वर: मजेदार बात ये है कि जिस स्थान पर लोक निर्माण विभाग चौड़ीकरण का मलबा डाल रहा है, उसके समीप लोक निर्माण विभाग ने नदी में मलबा डालने पर प्रतिबंध होने का चेतावनी बोर्ड लगाया है,​ जिसमें मलबा डालने पर कार्रवाई की हिदायत भी दी है। अब इसी समीप नदी में अधिकारियों के सामने ठेकेदार द्वारा खुलेआम मलबा डाला जा रहा है, लेकिन ठेकेदार के खिलाफ प्रशासन व लोनिवि में कोई भी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
ठेकेदार पर लगेगी पेनाल्टी
बागेश्वर: उप जिलाधिकारी हर गिरी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। मार्ग का स्थलीय निरीक्षण कर ठेकेदार द्वारा नदी में मलबा डालने नही डालने को कहा गया था, किंतु फिर शिकायत मिली है। इस संबंध में ठेकेदार पर पेनॉल्टी लगाई जाएगी और संबंधित वाहन सीज किया जाएगा।
‘नमामि गंगे परियोजना’ पर पलीता

बागेश्वर: जिले की सरयू गोमती व उनकी सहायक नदियों में कूड़ा व मलबा फेंकने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। शिकायत मिलने पर प्रशासन की ओर से कोई खास कार्यवाही अमल में नहीं आ पा रही है। जिससे नदियां दिन—प्रतिदिन मलबे से प्रदूषित हो रही हैं। जिले के कपकोट, गरुड़, अमसरकोट, बिलौना, सप्तवेश्वर मोटरमार्गो में सर्वाधिक कूड़ा नदियों में फेंका जा रहा है। ऐसे में ‘नमामि गंगे परियोजना’ पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।

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