BAGESHWER NEWS: प्रधानमंत्री मोदी के गुरु महामंडलेश्वर संत अभिराम दास ने भद्रतुंगा में एक माह की साधना की और आज बागनाथ में किया जलाभिषेक, रूद्रप्रयाग को प्रस्थान

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर जनपद बागेश्वर के कपकोट तहसील के भद्रतुंगा में एक महीने की साधना करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पारिवारिक गुरु महामंडलेश्वर…

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जनपद बागेश्वर के कपकोट तहसील के भद्रतुंगा में एक महीने की साधना करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पारिवारिक गुरु महामंडलेश्वर संत अभिराम दास आज रुद्रप्रयाग को रवाना हो गए हैं। उन्होंने जिला मुख्यालय आकर बाबा बागनाथ का जलाभिषेक भी किया। इस दौरान सरयू की महिमा का बखान करते हुए सरयू को आध्यात्मिक सुख, शांति और पुण्यदायिनी नदी बताया।
महामंडलेश्वर संत अभिराम दास ने सरमूल को विश्व को प्रमुख धामों में एक मानते हुए इसके विकास के लिए निरंतर कार्य करने की बात भी कही। बागनाथ मंदिर में दर्शन के बाद महामंडलेश्वर अभिराम दास ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि सरयू नदी कैलाश मानसरोवर से अप्रत्यक्ष रुप से निकलकर सरमूल से सौ धाराओं में प्रकट होकर निकलती है। इस नदी को धरती पर लाने का श्रेय अयोध्या के महाराज इक्ष्वाकु को जाता है। जो वशिष्ठ मुनि की तपस्या के बाद इसे अयोध्या तक ले गए थे। उन्होंने सरमूल, सहस्त्रधारा और भद्रतुंगा का विकास नहीं होने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि सरयू का उद्गम स्थल धार्मिक दृष्टि से बेहद पवित्र स्थान है। पुरातन काल में जब पैदल यात्राएं होती थी, भक्तजन गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्री, केदार की यात्रा के बाद सरमूल, सहस्त्रधारा आते थे। जहां से हल्द्वानी होते हुए वृंदावन या अयोध्या को रवाना होते थे। वर्तमान में मोटर मार्ग से जुड़ने के बाद कई धाम भक्तों से गुलजार रहते हैं। सरमूल में भी अगर सड़क और आवास की सुविधा मिले तो यहां भी वर्षभर सैलानी और भक्तजन उमड़ेंगे। महामंडलेश्वर अभिराम दास ने कहा कि सरयू नदी के मूल से निकला जल पावन और शुद्ध है। मूल से निकलने वाले जल में आध्यात्मिक ताकत है। जिसके किनारे बैठने पर अलौकिक और दिव्य शक्ति का अहसास होता है। कहा कि इस पानी की गुणवत्ता को जांचने के लिए भी सैंपल भेजा गया है। ताकि पता चल सके कि सरयू के पानी को कितने दिन तक संरक्षित रखा जा सकता है।
गौरतलब है कि मानसखंड में सरयू महात्म्य नाम से अलग से अध्याय है। सहस्त्रधारा से जलधारा सरयू नदी के रूप में भद्रतुंगा होते हुए सौंग, कपकोट, हरसीला होते हुए बागेश्वर पहुंचती है और पिथौरागढ़ के घाट, पंचेश्वर होते हुए टनकपुर में शारदा में मिल जाती है। सरयू के उदगम स्थल पर महामंडलेश्वर अभिराम दास लगातार कई वर्षों से आकर तपस्या करते हैं। वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पारिवारिक गुरु हैं, और उन्हें सिद्धि प्राप्त संत बताया जाता है। इस अवसर पर बागनाथ मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने महामंडलेश्वर का स्वागत किया।

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