प्रेरणास्रोत: पुलिस विभाग की रोल मॉडल हेमा ऐठानी कोरंगा की कर्तव्यनिष्ठा को सलाम, जरूर पढ़िये यह आलेख…

— दीपक मनराल — अल्मोड़ा। दफ्तर में 8 से 10 घंटे की ड्यूटी के दौरान यदि काम का बोझ अधिक हो जाये तो और दफ्तर…

— दीपक मनराल —

अल्मोड़ा। दफ्तर में 8 से 10 घंटे की ड्यूटी के दौरान यदि काम का बोझ अधिक हो जाये तो और दफ्तर से घर जाते वक्त भी कार्य बोझ इतना अधिक हो कि घर से भी दफ्तर संचालित करना पड़े तो आप कैसा महसूस करेंगे ? जाहिर सी बात है कि इसका सीधा प्रभाव हमारे मूड पर पड़ने लगेगा। शायद 90 प्रतिशत लोग ऐसे में खीज जाते हैं। बावजूद इसके कुछ ऐसे कार्मिक हैं, जो आम लोगों से कुछ अलग हटकर हैं और इनकी कार्य कुशलता व अथक जिजीविषा एक मिसाल है। जी हां, हम यहां बात कर रहे हैं एसएसपी आफिस में कार्यरत पी.आर.ओ. हेमा ऐठानी का, जिनका चयन आज कोरोना वॉरियर्स के रूप में हुआ है।

कर्तव्यनिष्ठा पर इन्हें सलाम है
ज्ञातव्य हो कि इनके कार्यों का जो हम यहां जिक्र कर रहे हैं, उसमें कहीं कोई अतिशियोक्ति नही है। 16 से 20 घंटे तक लगातार ड्यूटी, या यूं कहो कि कभी भी और कहीं भी हो हर समय ऑन ड्यूटी रहना। एक तरफ विभागीय कार्यों का बोझ दूसरी तरफ एक के बाद एक फोन कॉल, दिन भर में हजारों इन्क्वारियां। बिना थके, बिना रूके और बिना माथे पर कोई शिकन लाये मुस्कुराते हुए अपनी ड्यूटी को निरंतर अंजाम देने वाली अल्मोड़ा पुलिस की शान ​हैं एसएसपी कार्यालय में कार्यरत पी.आर.ओ. हेमा ऐठानी मैडम।

कई लोगों के लिए हैं प्रेरणास्रोत
वर्तमान समय मे पूरा विश्व कोरोना रूपी मानवीय त्रासदी से जूझ रहा है, जिसमे डॉक्टर्स नर्स पुलिस सफ़ाई कर्मी आदि ने दिन रात लगन से काम करके ‘कोरोना योद्धा’ शब्द को यथार्थ किया है। ऐसे में कड़ी धूप में पुलिस वालों को जनता की सेवा करते हम सभी ने देखा है, लेकिन पुलिस का एक अनदेखा चेहरा या यूं कहो मजबूत पुलिस फ़ोर्स की नींव वो पुलिस कर्मी है जो दिन और रात की परवाह किये बिना 16 से 20 घंटे काम कर रहे हैं।
ऐसा ही कुछ जज्बा देखने को मिलता है अल्मोड़ा पुलिस की सोशियल मीडिया/मीडिया प्रभारी/पीआरओ हेमा ऐठानी कोरंगा में, जो पूरे जनपद के बहुत से महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन पूरे जज्बे के साथ कर कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं। इस विषम परिस्थिति में अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों से अधिक अपने कर्तव्य को प्राथमिकता देकर प्रतिदिन बिना किसी अवकाश के इनके द्वारा कार्य किया जाता है।

जानिये क्या—क्या शामिल है इनकी ड्यूटी में
सम्पूर्ण जिले से प्रतिदिन सैकड़ों फरियादी मदद के लिए फ़ोन करते हैं, जिनमें से प्रत्येक की मदद हेतु त्वरित कार्यवाही करवाई जाती है। एसएसपी अल्मोड़ा द्वारा चलाई गई विभिन्न पहल जिसमें लोगों तक दवाइयां, राशन, किताबें व अन्य अति आवश्यकीय चीजें जनता तक उनके द्वार तक पहुंचाई जा रही हैं को जमीनी स्तर पर इन्ही के द्वारा साकार किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त एसएसपी के निर्देशन में इन्ही के द्वारा जनपद के दुर्गम स्थानों पर जरूरतमंद लोगों को चिन्हित कर संबंधित अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर उनकी हर संभव मदद की जा रही है।

अपने काम के बलबूते बनाई गई अपनी पहचान
अपनी लगन जिम्मेदारपूर्ण व्यवहार व कार्य के प्रति समर्पण भाव के कारण हमेशा से सभी अधिकारियों की पहली पसंद रही हैं तथा अल्मोड़ा जनपद में आने वाले प्रत्येक अधिकारी की नजरों में अपनी लगन व अनुकरणीय कार्य से एक अमिट छाप छोड़ी है।

आइये, संक्षेप में जानते हैं इनके कार्यों और उपलब्धियों की फहेरिस्त —

■ 2009 के समय मे जब पुलिस के आधुनिकीकरण का कार्य तेजी से प्रगति पर था तब इनके द्वारा CCTNS मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य कर के जनपद के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित दिया गया।

■ पुलिस के आधुनिकीकरण व CCTNS के शुरुआती दौर में इनके सराहनीय कार्य के चलते तत्कालीन एसएसपी सुनील मीणा द्वारा प्रशस्ति पत्र/अन्य रिवार्ड से सम्मानित किया गया

■ 2016 तथा 2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी महोदय सबिन बंसल द्वारा लगातार 2 बार गणतंत्र के अवसर पर विशिष्ट कार्य हेतु प्रशस्ति पत्र देकर मैडल से नवाजा गया।

■ 26 जनवरी को एसएसपी के.एस नगन्याल व एसएसपी दिलीप सिंह कुँवर द्वारा भी इन्हें गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जा चुका है।

■ 2017 में सराहनीय कार्य के लिए तत्कालीन एसएसपी दलीप सिंह कुंवर द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

■ 2015 में तत्कालीन एसएसपी केएस नगन्याल द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

■ 2018 में HNN24×7 द्वारा देहरादून में पुलिस वीरता सम्मान से नवाजा गया

■ GIS CELL में जनपद के पुलिस का समस्त डाटा संग्रहित किया गया जिसके लिए GIS के डायरेक्टर जेएस रावत द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

■ इनके सराहनीय व उत्कृष्ट कार्यो के लिए अल्मोड़ा की पूर्व एसएसपी सुश्री पी. रेणुका द्वारा भी इन्हें समय समय पर सम्मानित कर पुरुस्कृत किया गया।

■ कोरोना काल में इनके द्वारा किये गए लगन व जिम्मेदारी से किये गए उत्कृष्ट कार्य के लिए एसएसपी पीएन मीणा द्वारा 2500/ के नकद पुरस्कार तथा DIG कुमाऊ महोदय द्वारा 5000/ के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

पुलिस विभाग में ड्यूटी के साथ समाजसेवा और साहित्य में भी पकड़

इनको अपने कार्य से ही नही, अपनी संस्कृति से भी काफी लगाव है, जिसके चलते इनके द्वारा IPS स्व. अशोक भट्ट द्वारा रचित ‘यो पहाड़े बात भै’ नामक पुस्तक का स्थानीय पहाड़ी भाषा में अनुवाद करने में योगदान दिया गया, जिसका उल्लेख इस पुस्तक में भी किया गया है।

अपनी लगन, व्यवहार कुशलता व कार्य के प्रति समर्पण के चलते बहुत लोगों की रोल मॉडल बन चुकी हैं।

बेजुबानों का दर्द भी भली भांति समझने वाली अपने परिवार के साथ बेजुबानो का भी ख्याल रख रही हैं।

बागवानी, पेंटिंग,सिलाई,क्रिएटिविटी के कार्य में भी निपुण हैं

‘कभी थकना नहीं हैं, कभी रुकना नहीं हैं’ इन पंक्तियों को अपने कार्य व जनसेवा भाव से जीवंत कर दिया है।

बच्चों से भी है खास लगाव –

इतनी व्यस्तता होने के बाद भी इनके द्वारा पुलिस परिवार के बच्चों को ड्यूटी के उपरांत पूर्व में कम्प्यूटर का प्रशिक्षण अपने ऑफिस में दिया गया। इसके अतिरिक्त पुलिस लाइन में भी समय समय पर बेसिक कम्प्यूटर/CCTNS का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

पुलिस के आधुनिकीकरण व अपराधों के रोकथाम में भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

इनके द्वारा 2016 में व्यक्तिगत रूप से समस्त अल्मोड़ा सदर के क्षेत्र में भ्रमण कर महत्वपूर्ण संस्थानों, धार्मिक स्थलों व आपराधिक रूप से संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर CCTV लगाने हेतु नक्शा तैयार करने में भी इनका योगदान रहा है।

इनके द्वारा जनपद पुलिस के कई महत्वपूर्ण पदों का निर्वहन बखूबी व कुशलता से किया जा रहा है। वर्तमान समय में ये मीडिया प्रभारी/ सोशियल मीडिया प्रभारी/ सोशियल मीडिया मोनिटरिंग सेल/ पी.आर.ओ./ पासपोर्ट ऑफिस दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहीं हैं।

इनके द्वारा मेडिकल इमरजेंसी ई—पास सेल के इंचार्ज के कार्यों का निर्वहन भी इस कोरोना काला में बखूबी किया गया। मेडिकल सेवा का कार्य दिन—रात 24 घंटे देखा गया।

सम्प्रति :
हेमा ऐठानी कोरंगा 2006 में पुलिस विभाग में भर्ती हुई थीं और इनकी पंजाब में ट्रेनिंग हुई। 2015 में एलआईयू में आईं। इनकी छह माह पोस्टिंग ऋषिकेश में रही तथा अगस्त 2007 से अल्मोड़ा में कार्यरत हैं।

One Reply to “प्रेरणास्रोत: पुलिस विभाग की रोल मॉडल हेमा ऐठानी कोरंगा की कर्तव्यनिष्ठा को सलाम, जरूर पढ़िये यह आलेख…”

  1. मनराल दा मैं आपकी बातों का पूर्णतः समर्थन करता हूँ। रियल कोरोना वॉरियर्स हैं ये।
    डॉ मनकोटी, हेमा जी, दुर्गापाल जी जैसे कुछेक कर्मनिष्ठ लोगों के प्रयासों की मैं भी सराहना करता हूँ। मेरी तरफ से उन्हें बधाई प्रेषित कीजियेगा।

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