सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में बरसात व चटक धूप खिलने का सिलसिला जहां लगातार जारी है, वहीं ऐसे मौसम में अकसर सांपों का दिखाई देना आम बात हो गई है। अल्मोड़ा नगर क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लो में भी सर्प दिखाई देने की सूचनाएं मिल रही हैं। यहां चीनाखान मोहल्ले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक खतरनाक प्रजाति का रसेल वायपर सीढ़ियों के जरिये एक मकान में घुसने का प्रयास करने लगा। सूचना मिलने पर वन दरोगा भुवन लाल मौके पर पहुंचे और उन्होंने सर्प का रेस्क्यू कर सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज चीनाखान मोहल्ले में दोपहर करीब 02 बजे एक सांप सुरेश जोशी के आवास के नजदीक पहुंच गया और घर की सीढ़ियों से होता हुआ भीतर प्रवेश करने लगा। यह देख तमाम लोगों की भीड़ वहां इकट्ठा हो गई। दरअसल, यह सर्प एक रसेल वायपर था, जो अमूमन बेहद खतरनाक किस्म के होते हैं। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना मिलने पर वन दरोगा भुवन लाल साजो—सामान के साथ मौके पर पहुंच गये और कुछ देर की मशक्कत के बाद ही उन्होंने सांप को सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया। तब कहीं जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।
यहां आपको बता दें कि रसेल स्नेक एक जहरीले प्रजाति का सर्प है। यह सांप अजगर की तरह दिखता है और काफी खतरनाक होता है। एक बार डंसने पर 120 से 250 ग्राम तक इंसान के शरीर में जहर छोड़ देता है। इसके जहर से खून के थक्के बनने के साथ ही किडनी तक फैल हो जाती है। शरीर पूरी तरह से सूज जाता है और चमड़ी फटना शुरू हो जाती है। यह इतना आक्रामक होता है कि 5 फीट दूर खड़े शिकार को भी चंद सेकेंड में डंस लेता है। खेतों में काम करने वाले किसानों को इस सांप का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। हालांकि अन्य सर्पों की तरह यह भी शर्मीले प्रजाति का सांप है और इंसानों से दूर ही रहता है, लेकिन खतरा महसूस होने पर पहले कई बार आवाज़ें निकाल चेतावनी देता है। नहीं मानने वाले को अपने बचाव में डस भी लेता है। अल्मोड़ा में भी इस प्रजाति के सांप काफी देखे जाते हैं।