अल्मोड़ा न्यूज: तल्ला जोशीखोला में आग की लपटों से घिरा आवासीय मकान, भारी मशक्कत से घंटों बाद आग पर काबू, उखाड़नी पड़ी पूरी छत्त, पढ़िये पूरी ख़बर

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ायहां तल्ला जोशीखोला में सोमवार पूर्वाह्न अचानक एक आवासीय मकान में ​अग्निकांड की भेंट चढ़ गया। आग की लपटों से घिरा मकान सड़क…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
यहां तल्ला जोशीखोला में सोमवार पूर्वाह्न अचानक एक आवासीय मकान में ​अग्निकांड की भेंट चढ़ गया। आग की लपटों से घिरा मकान सड़क से दूर होने के कारण फायर व पुलिस कर्मियों को आग को बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि वहां अग्निशमन वाहन नहीं पहुंच सका। आग पर काबू पाने के लिए पटाल की पूरी छत उधेड़नी पड़ी। आग लगने की वजह मकान के मंदिर कक्ष में जले दीपकों या विद्युत मालाओं से शार्ट सर्किट को माना जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि चूहों के उत्पात से यह सब हुआ।


प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां जीआईसी फील्ड से ठीक नीचे जया जोशी का पटाल व पत्थरों से बना पुराना आवास है। आज सुबह नित्य की तरह उन्होंने मंदिर कक्ष में पूजन किया और रोज के अन्य कामों में लग गई। इस बीच मंदिर वाले कमरे से धुंए का गुबार उठाता देख उनके होश फख्ता हो गये। शोर मचाने पर उनके पुत्र ज्ञान जोशी भी मौके पर पहुंच गये। तब उन्होंने पाया कि कमरे में रखा बिस्तर, अलमारी, छत में लगाई गई लकड़ी की बल्लियां जलने लगी हैं। आग के फैलने के अंदेशा को देख मोहल्ले के लोग भी सकते में आ गये। इस बीच पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। जिस पर तत्काल फोर्स मौके पर पहुंच गयी, लेकिन फायर ब्रिगेड का वाहन सड़क मार्ग से मकान की दूरी होने के कारण वहां नही पहुंच सका। लिहाजा व पुलिस, फायर टीम व आस—पास के लोगों ने बाल्टियों में पानी भर—भरकर आग पर बामुश्किल काबू पाया। खास बात यह रही कि आग से हो रहे नुकसान व खतरे को भांपते हुए पुलिस व फायर कर्मियों ने बड़ी सूझ—बूझ का परिचय देते हुए छत्त के पटालों को खोलना शुरू कर दिया। घंटों मशक्कत के बाद पूरी छत के विशाल पटाल हटाये गये और वहीं से पानी के बौछार कर जहां आग पर काबू पाया गया, वहीं धुंए के बाहर निकलने को जगह भी मिल गई। जिस कारण एक बड़ा हादसा होते—होते टल गया। घटना के दौरान मौके पर लोगों की काफी भीड़ भी देखी गई। स्थानीय नागरिकों ने आग पर काबू पाने के लिए पुलिस व फायर कर्मियों का आभार जताया है। आग से कितना नुकसान हुआ, इसका आकलन समाचार लिखे जाने तक नहीं हो पाया था। बताया जा रहा है कि रात भवन स्वामिनी जया जोशी वही भवन में सोती थी। अगर यही घटना रात होती, तो बड़ी क्षति हो सकती थी।

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