नहीं मिलेगा सरकारी राशन, 76 गल्ला विक्रेताओं ने सौंपा सामूहिक त्यागपत्र

⏩ बड़े चरणबद्ध आंदोलन का हुआ आगाज, जारी रहेगा इस्तीफे का क्रम सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा सम्मानजनक मानदेय, नेट चार्ज सहित विभिन्न लंबित मांगों को लेकर…

⏩ बड़े चरणबद्ध आंदोलन का हुआ आगाज, जारी रहेगा इस्तीफे का क्रम

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

सम्मानजनक मानदेय, नेट चार्ज सहित विभिन्न लंबित मांगों को लेकर शासन द्वारा अपनाई जा रही हठधर्मिता के चलते आज जनपद के गल्ला विक्रेताओं के सब्र का बांध टूट ही गया। उपेक्षा से आहत अल्मोड़ा, सोनी व बाड़ेछीना गोदाम से कुल 76 राशन विक्रेताओं ने शासन को अपना सामूहिक त्यागपत्र सौंप दिया।

आज गल्ला वक्रेताओं के संगठन के आह्वान पर तमाम विक्रेताओं ने जिला पूर्ति अधिकारी के माध्यम से खाद्य एवं रसद अनुभाग एवं उपभोक्ता मामले उत्तराखण्ड शासन-देहरादून को अपना सामूहिक त्यागपत्र भेज दिया। यहां यह बता दें कि अल्मोड़ा गोदाम से 32, सोनी से 18 और बाड़ेछीना के 26 गल्ला विक्रेताओं ने अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। अगले चरण में जैंती, शहरफाटक व लमगडा़ के गल्ला विक्रेता त्यागपत्र देंग। ज्ञात रहे कि अल्मोड़ा जनपद में कुल 23 गोदाम हैं और सभी गोदामों के गल्ला विक्रेताओं द्वारा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को धार देते हुए त्यागपत्र सौंपे जाने की बात कही गयी है।

यह कहा गया है ज्ञापन में

ज्ञापन में कहा गया है कि पर्वतीय क्षेत्र के सभी विक्रेता आपना कार्य पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से कर रहे हैं और करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार एवं शासन नहीं चाहता है कि सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता अपना कार्य निष्ठा एवं ईमानदारी से करें। जिसका कारण यह है कि बार-बार अनुरोध के पश्चात भी सरकार एवं शासन द्वारा विक्रेताओं की उचित मांगों की लगातार उपेक्षा कर उनके हितों की अवहेलना की जा रही है तथा रोज नये नियम लागू कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। विक्रेता आहत हैं तथा वह अपना तथा अपने परिवार का पालन-पोषण करने में अपने को असमर्थ पा रहे हैं।

यह हैं राशन विक्रेताओं की प्रमुख मांगें

  1. पर्वतीय क्षेत्र के प्रत्येक विक्रेता को उचित एवं सम्मानजनक मानदेय स्वीकृत किया जाये।
  2. जब तक पर्वतीय क्षेत्र की नेट कनेक्टिविटी की पुरी व्यवस्था नहीं हो जाती तथा शासन द्वारा नेट खर्च
    स्वीक़त नहीं किया जाता तब तक संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र को बायोमेट्रिक कार्य से मुक्त रखा जाये।
  3. विक्रेताओं का खाद्यान्न का लाभांश बढ़ाया जाये तथा राज्य खाद्य योजना में भी केन्द्रीय खाया योजना के
    बराबर लाभांश दिया जाये।
  4. प्रत्येक राजकीय खाद्यान्न भण्डार मे धर्मकांटा स्थापित किया जाये तथा 100 प्रतिशत खाद्यान्न तोलकर दिया जाये या धान के बोरों में खाद्यान्न का नेट वजन (लिखा गया वजन) होना सुनिश्चित किया जाये।
  5. प्रत्येक विक्रेता का सामूहिक जीवन बीमा शासन द्वारा करवाया जाये।
  6. राजकीय खाद्ययान्न भंडार से दुकान तक के किराये-भाड़े में प्रतिवर्ष संशोधित भाड़े का शासनादेश है, लेकिन बार-बार अनुरोध के पश्चात भी विगत कई वर्षों से विभाग द्वारा इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है, जबकि डीजल, पेट्रोल व अन्य भाड़ों की कीमतों में चार गुना तक वृद्धि हो गयी है। इससे विक्रेताओं को लगातार आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है।
  7. किसी भी विक्रेता की मृत्यु होने पर दुकान का लाइसेंस यदि उसके पारिवारिक जन प्रार्थना पत्र देते हैं तो
    उसके परिवार के सदस्य को दिया जाये।
  8. ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी विक्रेता का चयन ग्राम सभा की खुली बैठक में तथा नगर में समाचार पत्रों के माध्यम से किया जाता है तथा लाइसेंस साफ छवि व ईमानदार व्यक्ति को ही विभाग द्वारा पूरी छानबीन कर दिया जाता है। सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता भी एक सम्मानित व्यक्ति है अतः उसे कालाबाजारी करने वाला तथा भ्रष्ट न समझा जाये, न संबोधित किया जाये। ऐसा करने के बजाय यदि शासन विभाग सिस्टम को दुरुस्त अपने विभाग की तरफ ध्यान देता तो आज पूरा खाद्यान्न सिस्टम सही होता तथा विक्रेताओं की समस्याओं का समाधान हो गया होता।

ज्ञापन व सामूहिक त्यागपत्र देने वालों में प्रदेश अध्यक्ष मनोज वर्मा, प्रदेश सलाहकार दिनेश गोयल, प्रदेश संयोजक अभय साह, जिलाध्यक्ष संजय साह रिक्कू, जिला महामंत्री केशर सिंह, जिला उपाध्यक्ष नारायण सिंह, दीपक साह, नवीन चंद्र सुयाल, आनंद सिंह, चंदन सिंह बिष्ट, विशन सिंह, महेंद्र सिंह रावत, नरेंद्र कुमार, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह, हरीश सिंह, भगवंत सिंह बोरा, भवान सिंह अधिकारी, देवेंद्र सिंह चौहान, पान सिंह सांगा, पूरन सिंह, मोहन चंद्र जोशी, उमेश सिंह बिष्ट, संदीप नंदा, लीला साह, पंकज कपिल, प्रमोद कुमार, खष्टी पंत, हेमा पांडे, विपिन तिवारी, जगत सिंह, विनोद सिंह आदि शामिल रहे। जिन गल्ला विक्रेताओं ने इस्तीफा दिया है उनकी दुकानें नंदादेवी, लाला बाजार, खजांची मोहल्ला, खोल्टा, चीनाखान, थाना बाजार, एनटीडी, भनार, खत्याड़ी, जसकोट, सरसों, चितई, खगमराकोट, ढ़ौरा, पौधार, विश्वनाथ, खिरौली, नरसिंहबाड़ी, सिकुड़ा, खोल्टा, थाना बाजार, राजपुरा, चौघानपाटा, मकेड़ी, बाड़ेछीना आदि में संचालित हैं।

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