— उक्रांद की जनजागृति रैली बागेश्वर पहुंची
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
भराड़ीसैंण-गैरसैंण प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के साथ ही रामनगर-चौखुटिया-गैरसैंण रेल लाइन निर्माण की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है। रविवार से शुरू हुई उक्रांद की जनजागृति रैली मंगलवार को बागेश्वर पहुंची। उक्रांद सैनिक मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव सिंह रावत के नेतृत्व में निकली। रैली में पहाड़ में बनने वाले एम्स को बागेश्वर-अल्मोड़ा जिले की सीमा में सोमेश्वर—गिरेछिना के समीप बनाए जाने, पहाड़ के विकास के लिए 2030 तक बागेश्वर में रेल यातायात चलाने को लेकर डुगडुगी बजाकर लोगों को जागरूक किया गया।
उन्होंने बताया कि उक्रांद जन जागृति यात्रा रामनगर-मछोड़, भतरौजखान, रानीखेत, बागेश्वर, गरुड़, सोमेश्वर, द्वाराहाट, चौखुटिया, गैरसैंण में नौ नवंबर यात्रा का समापन किया होगा। उन्होंने कहा जनता वर्षो से रेल लाइन की मांग उठा रही है, लेकिन रेल लाइन का निर्माण रामनगर-चौखुटिया-गैरसैंण रेल लाइन के बनने से उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण राज्य के मैदानी क्षेत्रों से जुड़ जाएगा तथा जनता को यातायात का भरपूर लाभ मिल सकेगा। सामरिक महत्व की दृष्टिकोण से भी रेल लाइन का निर्माण जरूरी है। इससे रामनगर से गैरसैंण की दूरी सड़क मार्ग से लगभग आधे से कम हो जाएगी तथा भविष्य में कर्णप्रयाग तक इसका विस्तार हो जाने से चारधाम यात्रा भी सुगम होगी। कहा गया है कि चौखुटिया से गरुड़ व बागेश्वर को भी रेल मार्ग से जोड़ने में आसानी होगी। उन्होंने कहा रेल लाइन का निर्माण नहीं होने से लोग पलायन करने को मजबूर हैं। पहाड़ में सुख—सुविधा नहीं होने के कारण लोग पलायन करने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने गढ़वाल के त्रषिकेश में एम्स बनाया, लेकिन सरकार ने कुमाऊं क्षेत्र के किच्छा में एम्स खोलने की घोषणा की है। लेकिन इससे पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामीणों को सुख,सुविधा से वंचित रहना पड़ेगा। उन्होंने अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर, द्वाराहाट, रानीखेत के मध्य एम्स को खोलने की मांग की। इस दौरान जन जागरूकता अभियान में जगदीश कठायत, रेल संघर्ष समिति अध्यक्ष नीमा दफौटी,भुवन कांडपाल आदि मौजूद रहे।