अल्मोड़ाः पेयजलापूर्ति में बाधा से पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी चिंतित, तकनीकी दिक्कतें जल्द हों दूर, एसई को लिखा पत्र

अल्मोड़ा। नगर की पेयजलापूर्ति में समय-समय पर बाधा खड़ी होने से नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी भी बेहद चिंतित हैं। उन्होंने कोसी पंपिंग योजना…

अल्मोड़ा। नगर की पेयजलापूर्ति में समय-समय पर बाधा खड़ी होने से नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी भी बेहद चिंतित हैं। उन्होंने कोसी पंपिंग योजना में जो भी तकनीकी दिक्कत है, उसे अविलंब दूर करने की जरूरत बताई है और कहा है कि करोड़ों रूपये खर्चने के बावजूद पेयजलापूर्ति में बाधा की वजह बार-बार विद्युतापूर्ति में कमी या कोसी नदी में गाद आना बताना ठीक नहीं है। श्री जोशी ने आगाह किया है कि अगर समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो बरसात में नगर व आसपास की जनता कई दिन प्यासी रह जाएगी। इस संबंध में पालिकाध्यक्ष ने जल निगम के अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखा है।
नगर व आसपास कोसी पंपिंग योजना से शुद्ध नियमित पेयजलापूर्ति करने की उचित व्यवस्था के लिए पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने जल निगम के अधीक्षण अभियंता को विस्तृत पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि पेयजल समस्या से निदान के लिए करोड़ों रूपये खर्च कर बैराज बनाया गया। वहीं लाखों की लागत से इनटैकवैल टैंक कोसी पंपिंग योजना के लिए लगाया गया। मगर उसके बाद भी पेजयलापूर्ति में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि हर बरसात में पेयजल आपूर्ति में पंप जवाब दे रहे हैं और कभी पेयजलापूर्ति ठप हो रही है, तो कभी दूषित पानी आवंटित हो रहा है। इतने खर्चे के बाद भी इस समस्या की वजह बार-बार नदी में गाद आने से पंप नहीं चलना या विद्युतापूर्ति में बाधा बताई जा रही है। उन्होंने कहा है कि समस्याओं से निपटने के लिए जो भी तकनीकी व्यवस्था आवश्यक है, उसे यथाशीघ्र क्रियान्वित किया जाय। उन्होंने कहा है कि कोसी में गाद भरने की समस्या पूर्व से चली आ रही है। इसकी वजह समय पर कोसी बैराज के गेट समय पर नहीं खोला जाना हो सकता है। इसे रोकने के लिए कोसी में मिलने वाले छोटे गधेरों पर अस्थाई चैकडैम बनाकर गाद को कम किया जाना चाहिए। श्री जोशी ने अधीक्षण अभियंता से अनुरोध किया है कि तत्काल समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए उचित तकनीकी उपाय किए जाएं, ताकि जनता को नियमित पेयजल आपूर्ति की जा सके। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो बरसात में नगर व आसपास की जनता को पेयजल के लिए विभागीय अक्षमता का शिकार होना पड़ेगा।

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