05 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा 25 हजार का इनामी शातिर ठग शरद मिश्रा

✒️ काम न आई नाम बदलकर रहने की चालाकी ✒️ पुलिस से बचने को बदला नाम और शुरू किया ज्वैलर्स का काम अल्मोड़ा। अपने साथियों…

शातिर ठग शरद मिश्रा गिरफ्तार

✒️ काम न आई नाम बदलकर रहने की चालाकी

✒️ पुलिस से बचने को बदला नाम और शुरू किया ज्वैलर्स का काम

अल्मोड़ा। अपने साथियों के साथ मिलकर एटीएम में कार्ड स्वैप कर लाखों की ठगी करने वाला शातिर ठग पूरे 05 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। यह शातिर गिरफ़्तारी से बचने के लिए शरद मिश्रा से शरद सोनी बन गया और बकायदा इसने ज्वैलरी का काम भी शुरू कर लिया। इसके बावजूद इसकी कोई भी तरकीब काम नहीं आई और यह कानून के शिकंजे से नहीं बच सका।

मामले दो आरोपी पहले हो चुके गिरफ्तार

ठगी के इस मामले में अल्मोड़ा पुलिस 02 आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें एक आरोपी राहुल त्रिपाठी को वर्ष 2017 तथा दूसरे आरोपी नवनीत शुक्ला को सितंबर 2022 में गिरफ्तार किया जा चुका है। इस पर 20 हजार रुपये का इनाम था।

इस तरकीब से की थी ठगी

उक्त आरोपियों ने अल्मोड़ा में वर्ष 2017 में एटीएम पर भोले-भाले लोगों व बुजुर्गों की मदद करने के बहाने उनका एटीएम कार्ड अपने हाथ में लेते थे और छोटी स्क्रीनिंग डिवाइस स्वाईप मशीनों से एटीएम कार्ड चुपके से स्वाईप कर लेते थे। इससे एटीएम का डाटा स्वाईप मशीन में आ जाता था, फिर आरोपी शरद मिश्रा, नवनीत शुक्ला व राहुल त्रिपाठी दिल्ली जाकर एटीएम कार्ड बना लेते थे और इन्होंने अलग-अलग एटीएम के क्लोन से करीब 05 लाख रुपये निकाले। ये आरोपी गिरोह समाज को धोखा देते हुए आर्थिक लाभ कमा रहे थे।

शरद मिश्रा पर लगा गैंगस्टर एक्ट, जारी हुआ वारंट

मामले के तीसरे आरोपी शरद मिश्रा तब से गिरफ्तारी से बचता फिर रहा था। इसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाने पर आरोपी के विरुद्ध मफरूरी में आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया। न्यायालय विशेष न्यायाधीश ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मफरुर आरोपी शरद मिश्रा के विरुद्ध स्थायी वारन्ट जारी किया था।

एसएसपी के निर्देश पर पुलिस टीमों का गठन

स्थायी वारन्ट की तामीली व आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी अल्मोड़ा ने इस फरार आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इन्हीं निर्देशों के क्रम में सीओ विमल प्रसाद के पर्यवेक्षण में कोतवाल अल्मोड़ा राजेश कुमार यादव व डीसीआरबी प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार के नेतृत्व में टीम का गठित हुई। इसके बाद धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले से संबंधित 25 हजार रुपये के इनामी आरोपी शरद मिश्रा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों को गैर राज्यों में दबिश के लिए रवाना किया।

आरोपी ने बदला भेष

गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी शरद मिश्रा लगातार भेष बदलकर अपनी पहचान छुपाए फिर रहा था। पुलिस को चकमा देने के लिए शरद मिश्रा ने अपना नाम बदलकर शरद सोनी रख लिया और ज्वैलरी का काम शुरू कर लिया। पुलिस ने साइबर सेल की मदद लेते हुए ठोस सुरागरसी-पतारसी की और अथक प्रयासों से शरद मिश्रा पुत्र राधेश्याम मिश्रा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। जिसे अब यहां माननीय न्यायालय पेश किया जा रहा है। शरद मिश्रा कन्नूपुरराजा पास्ट दत्तौली अंधियारी, थाना मनकापुर, जिला गौड़ा, हाल सी 239 करावलनगर गली नं. 03, थाना खजूरी खास नई दिल्ली का निवासी है।

ये है आपराधिक इतिहास

अल्मोड़ा जिले में आरोपी शरद मिश्रा के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। एक मामला धारा 420 भादवि व 66/66सी आईटी एक्ट बनाम शरद मिश्रा कोतवाली अल्मोड़ा, दूसरा मामला धारा 420 भादवि व 06/65सी आईटी एक्ट बनाम शरद मिश्रा कोतवाली अल्मोड़ा तथा तीसरा मामला धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट बनाम शरद मिश्रा कोतवाली अल्मोड़ा दर्ज है। इसके बांकी आपराधिक रिकार्ड खंगाला जा रहा है। गिरफ्तारी पुलिस टीम में निरीक्षक अरुण कुमार प्रभारी डीसीआरबी अल्मोड़ा, हेड कांस्टेबिल कपिल देव कोतवाली अल्मोड़ा, कांस्टेबिल संदीप सिंह, थाना भतरौजखान व यामीन खान, एसओजी/एएनटीएफ अल्मोड़ा शामिल है।

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