बागेश्वर। जिले में संचार व्यवस्था फिर से ठप है, मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास की कई योजनाओं की घोषणाएं की थीं। इनमें से एक योजना थी डिजिटल इंडिया। यही डिजिटल इंडिया आज पहाड़ की संचार व्यवस्था को मुँह चिढ़ा रहा है, कपकोट और कांडा में दूर—दूर से सैकड़ों किमी चल कर लोग बैंक, पोस्ट ऑफिस, सीएसी सेंटर्स और तहसील के कार्य से आ रहे हैं और फिर बैरंग ही लौट रहे हैं। कर्मचारी नेट नहीं चल रहा कह अपना पल्ला झाड़ कुर्सी से उठ टहलने निकल जाते हैं। दूरस्थ गांव से आये लोग बस अपने को ठगा हुआ महसूस करते है। अपने काम से आये कृपाल राम, मान सिंह, मोहन सिंह आदि बताते हैं कि हम जायें तो कहां जायें, रोज रोज आये भी तो कैसे।
पूरा दिन बर्बाद होने के बाद भी काम नहीं होता है। कमेबोश यही हाल मोबाइल नेटवर्को का भी है। रिचार्ज इतने महंगे कर दिये हैं, लेकिन कॉल है कि लगती ही नहीं। फिर आने जाने के लिए टैक्सी का डबल किराया चुकाना हमारे लिए असंभव हो रहा है। कोई सुनने वाला नहीं है। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तनुज तिरूवा ने कहा कि बार बार शासन प्रशासन को इस बारे में अवगत करा चुके हैं पर कोई सुनने को तैयार नहीं और अब जनता चुप नहीं बैठेगी बहुत जल्द एक आंदोलन होगा। लगता है डिजिटल भारत की बात करने वाले राजनेता सिर्फ बड़े शहरों को देख कर ही सारा लेखा जोखा तैयार करते हैं।