आ गया शुभ मुहूर्त… PM मोदी राम मंदिर पहुंचे, थोड़ी देर में प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान

अयोध्या | श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को अयोध्या पहुंचे जहां उनका स्वागत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल…

श्रीराम मंदिर

अयोध्या | श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को अयोध्या पहुंचे जहां उनका स्वागत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।

नवनिर्मित महर्षि बाल्मिक हवाई अड्डे से प्रधानमंत्री मोदी का काफिला जन्मभूमि परिसर के लिये रवाना हो गया। श्री रामलला की नूतन श्यामल किशोरावस्था प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहुर्त में दोपहर 12:20 बजे से की जायेगी। अभिजीत मुहुर्त मात्र 84 सेकेंड का है जिसकी शुरुआत 12 बजकर 29 मिनट आठ सेकेंड से होगी। कड़ाके की ठंड और कोहरे के बीच सूर्यवंशी श्रीराम के स्वागत के लिये आज सूर्यदेव भी बादलों के बीच से झांकने लगे है।

प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा की अनुष्ठान की शुरुआत 16 जनवरी को सरयू तट से हुयी थी। समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। वाराणसी के गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे तथा काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे।

श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में काशी के डोम राजा समेत विभिन्न वर्गों से 15 यजमान सपत्नीक शामिल होंगे। अनुष्ठान में आज के पूजन की शुरुआत श्री गणपति वंदना से होगी जिसके बाद कलश पूजन, सप्त घृत मात्रिका पूजन, 64 योगिनी पूजन,भूमि पूजन,नवग्रह पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, ब्रहृमा विष्णु महेश, चारो द्वार पूजन के बाद प्रधानमंत्री मोदी प्रतिमा के आंखो से पीली पट्टिका हटा कर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संपन्न करायेंगे।

इस शुभ अवसर का साक्षी बनने के लिये साधु संत, धर्माचार्य, बुद्धिजीवी, उद्योग, खेल और फिल्म जगत की तमाम प्रतिष्ठित हस्तियां कार्यक्रम स्थल पर पहुंच चुकी हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आमंत्रित मेहमानो को प्रवेश क्यूआर कोड स्कैन कर दिया जा रहा है।

समूची अयोध्या में पुराणों में वर्णित त्रेता युग सी अनुभूति हो रही है। विभिन्न वाद्य यंत्रो से नवनिर्मित मंदिर परिसर में मंगल ध्वनि ने वातावरण को भक्ति रस का प्रवाह होने लगी है।

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