बड़ा खुलासा : फोटो जर्नलिस्ट दानिश के शव के साथ भी तालिबानियों ने की थी बर्बरता, मरने के बाद सर को गाड़ियों से कुचला
फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत के रहस्य से आखिरकार पर्दा उठ गया है। अफगानी सेना के कमांडर बिलाल अहमद ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि दानिश को उस वक्त तालिबानियों ने गोली मारी जब वह कुछ स्थानीय लोगों से बात कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने शव को अपने कब्जे में ले लिया। जब उन्हें पता चला कि दानिश भारतीय है तो उसके शव के साथ भी बर्बरता की और दानिश के सर को गाड़ियों से कुचल क्षत—विक्षत कर दिया गया।
ज्ञात रहे कि दानिश की हत्या के पीछे इससे पूर्व सिर्फ यही बताया गया था कि उनकी हत्या गोली लगने से हुई है। इससे आगे की कहानी किसी को नही पता थी। अफगान सेना के कमांडर बिलाल अहमद ने बताया कि तालिबानियों ने दानिश को गोली मारने के बाद उनके सिर को गाड़ी से कुचल दिया था। जिसका सबसे बड़ा कारण यही है कि तालिबान भारतीयों से नफरत करता है।
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ज्ञात रहे कि दानिश की गत 16 जुलाई को मौत हो गई थी। इससे पूर्व यही जानकारी साझा की गई थी कि वह अफगान सेना और तालिबान के बीच झड़प में मारे गए थे। दरअसल, यह घटना तब हुई जब पाकिस्तान से लगे स्पिन बोल्डक शहर के बाजार पर अफगान सेना ने दोबारा अपना नियंत्रण करने की कोशिश की थी। इस दौरान तालिबान से अफगान सैनिकों की भीषण मुठभेड़ हुई। जिसमें एक अफगान अधिकारी के साथ दानिश सिद्दीकी भी मारे गये।
आपको बता दें कि कमांडर बिलाल अहमद पिछले 5 सालों से अफगान सेना से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि दानिश की मौत का सबको बेहद दु:ख है। तालियबानी जानते थे कि वह मर चुके हैं। उसके बावजूद शव के साथ बर्बरता की गई। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈
हालांकि तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद इस घटना पर दु:ख जताने का नाटक भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि तालिबानी लड़ाकों को पता नही था कि वह पत्रकार हैं। जबकि अब यह सच्चाई भी सामने आ चुकी है कि तालिबानियों ने यह जानने की बाद भी कि दानिश कोई सैनिक नही, बल्कि एक फोटो पत्रकार हैं, उनके शव के साथ भी बर्बरता की।
इस घटना से यह भी साफ हो चुका है कि तालिबान की कथनी और करनी में भी अंतर है। दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान कोई अनुशासित सेना नही है, बल्कि वह एक निर्मम लड़ाके और योद्धा हैं, जो जंग के दौरान किसी किस्म के नियमों और अनुशासन का पालन नही करते हैं। आज ईद के मौके पर भी उन्होंने सीज फायर नही किया है। जिससे यह जाहिर होता है कि तालिबान के लिए मरने—मारने के अलावा कोई अन्य बात महत्व नही रखती है।