अल्मोड़ा में पुण्यतिथि पर याद किए गए जननायक डा. शमशेर सिंह बिष्ट

👉 तमाम लोगों ने अर्पित किए श्रद्धासुमन, संघर्षों को किया याद👉 संगोष्ठी में उत्तराखंड के मौजूदा परिदृश्व पर व्यापक चर्चा सीएनई​ रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जननायक स्व.…

अल्मोड़ा में पुण्यतिथि पर याद किए गए जननायक डा. शमशेर सिंह बिष्ट

👉 तमाम लोगों ने अर्पित किए श्रद्धासुमन, संघर्षों को किया याद
👉 संगोष्ठी में उत्तराखंड के मौजूदा परिदृश्व पर व्यापक चर्चा

सीएनई​ रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जननायक स्व. डा. शमशेर सिंह बिष्ट को उनकी पांचवी पुण्यतिथि पर यहां समारोहपूर्वक याद किया गया। उनके जनसंघर्षों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी में उत्तराखंड व पहाड़ के मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई और जनता से सपनों का उत्तराखंड बनाने पर जोर दिया।

यहां सेवॉय होटल में उत्तराखंड लोक वाहिनी द्वारा आयोजित पुण्यतिथि समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हिमांचल की मांसी पाशर ने कहा कि हिमांचल में उत्तराखण्ड की तरह पलायन नहीं है, क्योंकि हिमांचल प्रदेश ने अपनी जनता को भूमि सुधारों के माध्यम से कृषि व बागवानी के माध्यम से समृद्धि दी है। उन्होंने कहा कि हिमांचल प्रदेश में सभी बागानों तक सड़कों के विस्तार हुआ, उसके फलस्वरुप बड़ी आपदाएं आ रही हैं और हिमांचल में बांध बनने के बाद रोखड़ भी बन रहे हैं। नदियों पर बड़े—बड़े होटल व रिसोर्ट में बनाए गए है, किंतु जब हिमांचल में अत्यधिक वर्षा के कारण नदी अपने स्वाभाविक प्रवाह की तरफ बहने लगी, तो ही जल प्रलय आ गया। मासी पाशर ने कहा कि उत्तराखंड में सड़कों का विस्तार हो रहा है, सड़कों की चौड़ाई बढ़ रही है। तो हमे यह भी समझ लेना चाहिए कि भविष्य में प्राकृतिक आपदायें निश्चित हैं।

वन कानूनों पर प्रकाश डालते हुए विनोद पाण्ड़े ने कहा कि नये वन कानूनों के तहत केन्द्र सरकार ने वनों पर अनियन्त्रित मानवीय गतिविधियों की छूट दे दी है। सीमान्त प्रदेशों में सौ किलोमीटर हवाई रेन्ज में अब सरकार विकास की छूट देने जा रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आपदा प्रभावितों के लिये सरकार के पास जमीनें नहीं हैं, परंतु पर्यटन व अन्य गतिविधियों के लिये बेहिसाब वन भूमि देने को सरकार तैयार है। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष राजीव लोचन साह ने वाहनी के जनसंघर्षों पर प्रकाश डाला। वाहिनी के महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी, एड. जगत रौतेला, अजय मित्र बिष्ट, अजय मेहता, जंगबहादुर थापा, मोहन सिंह, शिव दत्त पाण्डे, पहरू के संपादक हयात रावत, बार एसोसियेशन के अध्यक्ष महेश परिहार, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी, रंगकर्मी भाष्कर भौर्याल, डा. जेसी दुर्गापाल, आनन्द सिंह बगड्वाल, मोहन काण्डपाल आदि ने विचार रखे और डा. शमशेर सिंह बिष्ट द्वारा जनता के हक में किए गए संघर्ष का उल्लेख करते हुए कई संस्मरण भी सुनाए। वक्ताओं ने उत्तराखंड के मौजूदा हालातों पर चर्चा करते हुए जनता के सपनों का उत्तराखंड बनाने की बात कही। संचालन दयाकृष्ण काण्डपाल ने किया।

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