Almora News : छात्र—युवा विरोधी है मोदी सरकार ! NSUI ने की “शिक्षा बचाओ, देश बचाओ अभियान” की शुरूआत

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा एनएसयूआई ने यहां आज शिक्षा नीति के केंद्रीयकरण व निजीकरण के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ”शिक्षा बचाओ, देश बचाओ अभियान’ की शुरूआत…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

एनएसयूआई ने यहां आज शिक्षा नीति के केंद्रीयकरण व निजीकरण के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ”शिक्षा बचाओ, देश बचाओ अभियान’ की शुरूआत की। इस मौके पर भाजपा सरकार को युवा व छात्र विरोधी करार दिया गया।

मंगलवार को शिखर होटल के सभागार में उत्तराखंड एनएसयूआई प्रदेश महासचिव गोपाल भट्ट व अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा ”शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान” लॉन्च किया गया। नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के प्रदेश महासचिव गोपाल भट्ट ने कहा कि नवीन शिक्षा नीति केंद्रीकरण व शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देती है। साथ ही यह शिक्षा विरोधी नीति तब लायी गयी जब पूरे देश में कोविड कहर का दौर था। जिसका उद्देश्य साफ है कि मोदी सरकार शिक्षा को भी सिर्फ अमीरों के लिए एक सुविधा जैसा बनाना चाहती है। गरीब बच्चों के भविष्य के साथ यह सीधा खिलवाड़ हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थानों के निजीकरण से देश के युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे। नई शिक्षा नीति भी निजीकरण को बढ़ावा दे रही, जिससे गरीब छात्रों के समक्ष बड़ी समस्या खड़ी हो गइ्र है। इसके अलावा SSC, NEET, JEE जैसे सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में घोटाले सामने आना व युवाओं को वर्षों तक नौकरी नहीं देना यह साफ बताता है कि मोदी सरकार छात्र विरोधी है। उन्होंने कहा कि अगर छात्र वर्ग के लिए कोई नीति बन रही है तो कर्तव्य बनता है कि उस पर छात्रों से चर्चा हो, लेकिन वर्तमान सरकार की आदत बन चुकी हैं कि सभी कार्य तानाशाही तरीके से लागू करती है।

इधर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई हैं, तब से छात्रों की फैलोशिप एवं स्कॉलरशिप रोकी जा रहीं हैं, प्रवेश परीक्षाओं में घोटाले हो रहें हैं तथा परीक्षाओं के परिणाम देरी से आ रहे हैं। जिसके कारण छात्रों के 2 से 3 साल बर्बाद हो जाता है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई केंद्र सरकार से मांग करती है कि केंद्रीय व प्रदेश स्तर पर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में आयु सीमा में कम से कम 2 साल की छूट दी जाए, क्योंकि कोरोना काल में छात्रों के 02 साल पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के नुकसान के बाद छात्र अब तक नुकसान से नहीं उबर पाए हैं और NSUI के इस आंदोलन ने छात्रों की मांगों को आवाज दी है।

गोपाल भट्ट ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में लगातार सेल्फ फाइनेंस के नाम पर पहाड़ के छात्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है, जिसकी लड़ाई सबको मिलकर लड़नी होगी। शिक्षा सस्ती और नि:शुल्क होने के बजाय दिन प्रतिदिन महंगी होती जा रही है। भाजपा सरकार युवा और छात्र विरोधी है। इस मौके पर प्रदेश महासचिव गोपाल भट्ट, सोनू चौहान, रोहित भट्ट, मनोज भट्ट, मोहित मनराल, पंकज जोशी, बसन्त बिनवाल, पंकज भैसोड़ा, सागर पारछे, पूर्व छात्र संघ कोषाध्यक्ष अभिषेक बनौला, हिमांशु पवार, मोहित भट्ट आदि एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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