अच्छी पहल: अब सुधरेगा अल्मोड़ा का ड्रेनेज सिस्टम, पहले चरण बनेंगे 39 नाले

— डीएम के प्रयास लाए रंग, योजना के प्रथम चरण को मिली स्वीकृति— जिलाधिकारी वंदना ने कहा—फरवरी में शुरू होगा नाला निर्माण कार्य सीएनई रिपोर्टर,…

— डीएम के प्रयास लाए रंग, योजना के प्रथम चरण को मिली स्वीकृति
— जिलाधिकारी वंदना ने कहा—फरवरी में शुरू होगा नाला निर्माण कार्य

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: नगर के ड्रेनेज सिस्टम को तंदरुस्त बनाने के लिए जिलाधिकारी वंदना के प्रयास को पंख लगने वाले हैं। इन्हीं प्रयासों के चलते अब अल्मोड़ा नगर के लिए बनाए ड्रेनेज प्लान के प्रथम चरण की शासन से स्वीकृति मिल चुकी है। प्रथम चरण में 39 नालों के निर्माण का कार्य होगा और इस कार्य को फरवरी में शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर कई जरूरी निर्देश दिए हैं।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रथम चरण में शामिल 39 नालों के निर्माण के लिए कार्य प्रारंभ करने से पूर्व तैयारी आवश्यक है, ताकि फरवरी तक कार्य प्रारंभ किया जा सके। जिलाधिकारी ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गोविंद बल्लभ पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान के साथ मिलकर इंदिरा कॉलोनी, राजपुरा एवं खत्याडी के संवेदनशील वार्डों का भू सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारों को निर्देश दिए कि नालों के निर्माण के समय पानी की पाइप लाइन शिफ्टिंग के समय जलापूर्ति प्रभावित नहीं होने पाए, इसके लिए जलापूर्ति को वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि नाला निर्माण एवं पाइप शिफ्टिंग का कार्य साथ—साथ किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने पाइप शिफ्टिंग के लिए रोस्टर बनाकर क्षेत्रों में पाइप शिफ्टिंग का कार्य करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि द्वितीय चरण के प्राक्कलन में घरों के सीवेज लाइन को नालों के नीचे से लाने की संभावना पर भी विचार करें तथा कहा कि इस प्रक्रिया में सभी घरों के शोकपिट को हटाकर सभी घरों के सीवेज को सीधे सीवेज लाइन से जोड़ें। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। विशेष रूप से खत्याड़ी व राजपुरा आदि क्षेत्रों में ड्रेनेज एवं सीवेज का कार्य एक साथ रखे जाएं। जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिए कि नालों के मुख्य 5 निकासों की जानकारी जल निगम के अधिकारियों के साथ साझा करें, जिससे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने में जगह चयन करते हुए इसका ध्यान रखा जा सके।

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