उत्तराखंड में इन दिनों मौसम का मिजाज बार-बार बदल रहा है। जिससे तापमान में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही लोगों को मौसमी बीमारियों की चपेट में ले रही हैं। वहीं, डाक्टरों की सलाह है कि इस मौसम में सही खान-पान, साफ-सफाई और पहनावे का ध्यान रखकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
मार्च के अंत और अप्रैल माह की शुरुआत से प्रदेशभर में दिनभर धूप-छांव का खेल चलने के साथ ही वर्षा भी हो रही है। ऐसे में वर्षा होने पर जब मौसम में हल्की ठंडक घुल रही है तो कई लोग गर्म कपड़े पहन रहे हैं तो वहीं धूप खिलने पर शर्ट में नजर आ रहे हैं।
आलम यह है कि मौसम में हो रहे इस बदलाव से एक ही दिन में शहर का दिन का तापमान नौ डिग्री से अधिक तक लुढ़क रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य को लेकर लोगों की ओर से की गई थोड़ी सी लापरवाही उन्हें बीमार कर रही है। पिछले कुछ दिन से सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार, गले में खरास, श्वास सहित अन्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज उपचार के लिए अधिक पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक मौसम में बार-बार परिवर्तन होने से तापमान कम-ज्यादा हो रहा है।
वहीं, कई लोग खान-पान व पहनावे को लेकर लापरवाही कर रहे हैं। जिस कारण लोग जुकाम, खांसी, वायरल, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि की शिकायत आ रही है। लोगों को मौसम में हो रहे बदलाव के अनुसार ही अपने खान-पान एवं पहनावे का ध्यान रखना चाहिए। इस मौसम में ठंडी चीजों के सेवन से बचें। घर का ताजा खाना खाएं। साथ ही बदलते मौसम के अनुसार ही पहनावे का ख्याल रखे।
ये सावधानी बरतें
मौसमी बीमारियों से बचने के लिए आवश्यक है कि लोग गर्म पानी पिएं, दमा के मरीज धूल, धुंआ से दूर रहें, घरों से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें, बच्चों और बुजुर्गों को सुबह-शाम के साथ ही दिन में भी गर्म कपड़े पहनाएं, किसी भी बुखार, खांसी से ग्रस्त मरीज के संपर्क में अन्य लोग न आएं, खांसते व छींकते समय मुंह पर रुमाल अवश्य रखें। विशेषज्ञ चिकित्सक से दवाई लें, जिससे कि वायरल चार से पांच दिनों में ठीक हो सके।
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