Almora : आने वाले हैं नवरात्र, मंदिरों में पशु बलि पर सख्ती से लगायें रोक
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👉 गायत्री परिजनों ने एसएसपी को सौंपा ज्ञापन
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
गायत्री परिवार अल्मोड़ा ने 26 सितंबर से शुरू होने जा रहे अश्विन नवरात्रों में जनपद के तमाम मंदिरों में पशु बलि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। एसएसपी को सौंपे ज्ञापन में लोगों ने कहा कि चितई व गंगनाथ मंदिर में कुछ लोग पिछले दरवाजे से चुपाचाप आकर पशुओं की बलि देते हैं। साथ ही शराब के नशे में गायत्री परिजनों के साथ अभद्रता भी करते हैं। अतएव वहां नवरात्रों के दौरान पर्याप्त पुलिस व्यवस्था की जाये।
ज्ञापन में कहा गया है कि गोलू मंदिर, चितई में गायत्री परिवार, अल्मोड़ा द्वारा सन् 2002 से लगातार पशुबलि पर पूर्ण रोक हेतु जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। वर्ष 2011 (19 दिसंबर) में उच्च न्यायालय का पशुबलि पर पूर्ण रोक संबंधी आदेश आया था। तब से निरंतर इस कार्य में पुलिस-प्रशासन का भी सहयोग मिलने लगा है। इससे चितई गोलू मंदिर में पशुबलि में भारी कमी आई है। फिर भी कुछ लोग नवरात्रि में पशुबलि हेतु बकरे व एक बड़ा हथियार लेकर आते हैं।
उन्होंने एसएसपी से आग्रह किया कि इस नवरात्रि में पशुबलि पर पूर्ण रोक हेतु प्रभावी कदम उठायें। कहा कि गोलू मंदिर, चितई के पिछले गेट पर पुलिस व्यवस्था की जाये, क्योंकि लोग पिछले गेट के एकदम पास में ही पशुबलि करने का प्रयत्न करते हैं। पशु बलि हेतु बकरे लाने वाले लोग एक बड़ा खड्ग भी सार्वजनिक मंदिर क्षेत्र में लाते हैं, जो कि गैरकानूनी है। यदि कोई हथियार लाता है तो उसे जब्त करने हेतु पुलिस को निर्देशित किया जाये। उन्होंने कहा कि डाना गोलू मंदिर चितई, गोलू मंदिर चितई व गंगनाथ मंदिर चितई यह तीन मंदिरों का क्षेत्र पवित्र तीर्थ क्षेत्र है। इस पवित्र क्षेत्र में कोई पशुबलि करके तीर्थ स्थल को गंदा न करे, इस हेतु भी पुलिस बल को निर्देशित किया जाये।
प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी को कहा कि पशु बलि हेतु बकरे लाने वाले लोग बड़े समूह में आते हैं। कई लोग ‘नशा’ करके भी आते हैं। ऐसे नशा किये हुए लोग कभी कभार जनजागरण करने वालों से अभद्रता भी करने लगते हैं। अत: सुरक्षा कारणों से भी पुलिस व्यवस्था अवश्य की जाये। उन्होंने कहा कि गैराड़ गोलू मंदिर में लोग मंदिर परिसर में ही बकरे लेकर घूमते दिखते हैं। वहां पर भी उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करायें।
ज्ञापन सौंपने वालों में गायत्री परिवार के भीम सिंह अधिकारी के अलावा लीला जोशी, घनश्याम जोशी, पंकज जोशी, माला जोशी, किरन जोशी, हंसा बिष्ट, पूरन चंद्र कांडपाल, हरीश चंद्र जोशी, इंद्रा गनघरिया, सरोज भट्ट, उषा जोशी, दीपा वर्मा, मंजू जोशी, विमला वर्मा, कुसुम कांडपाल, सुरेश चंद्र जोशी, भावना मनकोटी, निर्मला अधिकारी, सुशीला तिवारी, सरोज मेलकानी, विद्या जोशी, उर्मिला तिवारी, आशा वर्मा, गोविंदी भैसोड़ा, नंदी जोशी आदि शामिल थे।