सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत सदस्यों का वित्तीय अनियमितताओं एवं विकास योजना को मिली धनराशि का समान वितरण सहित अन्य मांगों को लेकर चलाया जा रहा आंदोलन 74 दिन आमरण अनशन में तब्दील हो गया। आज आमरण अनशन के पहले दिन जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार बैठे। उनके साथ 8 जिला पंचायत सदस्य धरने में बैठे हैं। जिला पंचायत सदस्यों ने मांगों के समाधान नहीं होने तक आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार के नेतृत्व में 9 जिला पंचायत सदस्यों का आंदोलन 73 वें दिन बाद आज आमरण अनशन में तब्दील हो गया है। आमरण अनशन के पहले दिन आज जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार बैठे हैं, जबकि समर्थक 8 सदस्य धरने में बैठे हैं। इस अवसर पर आयोजित सभा में आंदोलनरत सदस्यों ने कहा कि उनके आंदोलन को आज 73 दिन हो पूरे हो गए हैं, लेकिन शासन—प्रशासन उनके आंदोलन की लगातार उपेक्षा कर रहा है। जिस कारण आज उन्हें आमरण अनशन शुरू करना पड़ा है। आमरण अनशन पर बैठे जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को अपनी समस्याओं का लिखित रूप में ज्ञापन व जिला पंचायत में की गई मनमानी की शिकायत कई बार दे दी, लेकिन प्रशासन उनकी जायज मांगो पर भी ध्यान नही दे रहा है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा सदस्यों को विश्वास में किये बैगेर कार्य कर रही है। जिसका सदस्यों द्वारा विरोध किया गया, लेकिन उनके विरोध को दरकिनार किया जा रहा है। जबकि पंचायत एक्ट में साफ लिखा है कि बिना सदस्यों की सहमति से कोई कार्य नही किया जा सकता है। परंतु यहां सभी कार्य बिना सहमति के और मनमाने तरीके से किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी भी कीमत में अनियमितता सहन नही की जाएगी। उन्होंने कहा कि आंदोलनरत सदस्यों के दबाव में प्रशासन ने जांच तो कराई, लेकिन आंदोलन रत सदस्यों को 2 दिन में अलग-अलग जांच रिपोर्ट दी गयी है। जिसमे काफी भिन्नता है।
एक रिपोर्ट में जहां जिला पंचायत को क्लीन चिट दी गयी है। वहीं दूसरी रिपोर्ट में जिला पंचायत में आंदोलनरत सदस्यों द्वारा लगाए जिला पंचायत अध्यक्ष पर लगाए गए आरोपों को सही बताया गया है। आन्दोलनरत सदस्यों ने कहा कि जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट से साबित हो गया है कि जिला पंचायत में अनियमितता हुई है, जो शासनादेश का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि आज से आमरण अनशन शुरू हुआ है। अगर उन्हें न्याय नही मिला तो उन्हें कोई और बड़ा कदम उठाने को भी मजबूर होना पड़ेगा।
इस अवसर पर इंदिरा परिहार, रूपा कोरंगा, गोपा धपोला, रेखा आर्या, पूजा आर्या, वंदना ऐठानी, हरीश ऐठानी सुरेंद्र खेतवाल धरने पर बैठे। इधर जिला पंचायत सदस्यों के आमरण अनशन से जिला पंचायत प्रशासन हलकान है। जिला पंचायत के प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी बसंत मेहता ने कहा कि आन्दोलनरत सदस्यों की समस्याओं के समाधान के लिए 18 सितंबर को बैठक आहूत की गई है। बैठक में सदस्यों की मांगों पर चर्चा कर मामले के समाधान का प्रयास किया जाएगा।