अल्मोड़ा: सांस्कृतिक जुलूस व झोड़ा—चांचरी की धूम से ​नंदादेवी मेले की चकाचौंध

✍️ भारी बारिश से दो दिन अवरोध के बाद फिर बढ़ी मेले की चहल—पहल ✍️ महिलाओं की डेढ़ दर्जन टीमों ने दी झोड़ा—चांचरी की शानदार…

सांस्कृतिक जुलूस व झोड़ा—चांचरी की धूम से ​नंदादेवी मेले की चकाचौंध

✍️ भारी बारिश से दो दिन अवरोध के बाद फिर बढ़ी मेले की चहल—पहल
✍️ महिलाओं की डेढ़ दर्जन टीमों ने दी झोड़ा—चांचरी की शानदार प्रस्तुतियां

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: अतिवृष्टि के कारण दो दिन थमा मां नंदादेवी का मेला आज फिर चहल—पहल में आ गया। मौसम खुलते ही मेले में भीड़ जुटी और दिनभर मां नंदादेवी के मंच पर झोड़ा—चांचरी की भरमार रही। झोड़ा गायन के लिए करीब डेढ़ दर्जन महिला टोलियां पहुंची और परंपरागत पोशाक में सजी महिला टोलियों ने एक से बढ़कर एक झोड़ा गायन कर प्राचीन कुमाउंनी संस्कृति को जीवंत कर दिया।

यहां उल्लेखनीय है कि भारी बारिश के कारण दो दिन नंदादेवी मेले के चकाचौंध थम गई थी। मौसम से उत्पन्न विपरीत परिस्थिति को देखते हुए मेला कमेटी ने दो दिन रंगारंग कार्यक्रम स्थगित करने और मेला अवधि दो दिन बढ़ाने का निर्णय​ लिया। हालांकि मां नंदा—सुनंदा का डोला गत दिवस परंपरागत तरीके से उठा। पूर्वघोषित कार्यक्रमानुसार नंदादेवी मेले के तहत रंगारंग कार्यक्रमों का आज फिर आगाज हुआ। आज अल्मोड़ा नगर क्षेत्र के ​विभिन्न मोहल्लों से 17 महिला टीमें मल्ली बाजार मुरलीमनोहर मंदिर के समीप जुटीं और उन्होंने नाचते—गाते सांस्कृतिक यात्रा निकाली, जो पूरी बाजार होते हुए मां नंदादेवी मंदिर पहुंची। बारिश से नंदादेवी मेले के कार्यक्रमों में आए अवरोध के बाद इस सांस्कृतिक यात्रा ने एक बार फिर मेले में जोश भरने का काम किया। इसके बाद मंच पर झोड़ा गायन का सिलसिला चल पड़ा।

नंदादेवी मंदिर के मंच पर आज सर्वोदय नगर मां नन्दा सर्वदलीय महिला समिति, आंचल दल न्यू कालोनी सरसों, न्यू इंदिरा कालोनी खत्याड़ी, सरकार की आली,‌ गोलना करड़िया, माता शान्ति खत्याड़ी, कल्याणी माता रैलापाली, घुमेश्वर महिला समिति, जनशिक्षा महिला समिति महिला कोकिला, जौहर कालोनी स्यूनराकोट, मां भगवती फलसीमा, जगदम्बा धारानौला आदि महिला टीमों ने एक से बढ़कर एक झोड़ा—चांचरी की प्रस्तुति दी। जिनमें ‘डाना—काना हियु पड़ि ग्यो, खेत में पाणी दिए’, ‘खोल दे माता खोल भवानी, धरमा किवाड़ा’, ‘त्यार गौवेकि मुंगे कि माला, म्यार गाला जंजीर’, ‘जाण छुं मैले कश्मीरा बोर्डर’, ‘तेरि मेरी भेंट होली’, ‘कोटगाड़ी की देवी मैया, सिलगड़ी का पाला झाला’ आदि झोड़ों के गायन ने समां बांधा और पहाड़ की पुरानी परंपरा को जीवंत कर डाला।

आज के झोड़ा गायन की प्रायोजक सर्वदलीय महिला समिति कि सचिव गीता मेहरा व उनके पति गोविंद सिंह मेहरा रहे जबकि मंच संचालन गीता मेहरा ने किया, जिसमें झोड़ा चांचरी कार्यक्रम के संयोजक हरीश कनवाल ने सहयोग किया। कार्यक्रम में विधायक मनोज तिवारी, मंदिर कमेटी अध्यक्ष मनोज वर्मा, व्यवस्थापक अनूप साह, सचिव मनोज सनवाल, कोषाध्यक्ष हरीश बिष्ट, उपाध्यक्ष तारा जोशी, मीडिया प्रभारी जगत तिवारी, अमरनाथ नेगी, सर्वदलीय महिला समिति की अध्यक्ष मीना भैसोड़ा समेत कई प्रमुख लोग शामिल रहे। झोड़ों के दौरान चंदन नैनवाल ने हुड़के वादक कर चार चांद लगाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *