नैनीताल | हाईकोर्ट ने जिले के भवाली, नैनीताल, हल्द्वानी व कालाढूंगी रोड पर बिना अनुमति संचालित फूड वैन के मामलों पर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की।
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ ने जिला प्रशासन व पालिका को बिना लाइसेंस फूड वैन लगाने वालों के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पालिका सहित संबंधित वन क्षेत्राधिकारी को फूड वैन के आसपास किए गए अतिक्रमण को तत्काल प्रभाव से हटाने को कहा है।
नैनीताल परिक्षेत्र में संचालित फूड वैन के मामले में हाईकोर्ट ने 16 फरवरी को स्वतः संज्ञान लेकर जिलाधिकारी व ईओ नगरपालिका से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि जिस वाहन को फूड वैन बनाया गया है, उसका परमिट किस लिए था।
पूर्व में कोर्ट ने डीएम से पूछा था कि किस नियमावली के तहत फूड वैन लगाने की अनुमति दी गयी। डीएम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि फूड वैन लगाने का लाइसेंस दिया गया है लेकिन मोटर यान अधिनियम में इसका कोई प्रविधान नहीं है। जनहित याचिका में कोर्ट ने फूड वैन के माध्यम से पर्यटन स्थलों में गंदगी व शराब परोसने का भी संज्ञान लिया है।
कोर्ट ने यह भी संज्ञान लिया है कि फूड वैन मालिक वाहन के टायर निकालकर उसके आसपास झोपड़ी व पक्की दीवारें भी बनाने लगे हैं, इस दिशा में वन विभाग व लोक निर्माण विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। फूड वैन एक जगह पर स्थिर होने से जाम की स्थित पैदा हो रही है, इसलिए इन्हें चलते रहना चाहिए। क्षेत्र में जितनी भी फूड वैन लगी हैं, वह सब पैसों वालों की है।
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब वह उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी भवाली को जाते हैं तो उस समय रास्ता साफ होता है, बाकी समय सूर्यास्त से पहले व सूर्योदय के बाद के अतिक्रमण का पता नहीं चलता।
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