नैनीताल | चंद्रयान की सफलता के बाद देश महत्वाकांक्षी सूर्य मिशन की ओर बढ़ गया है। सूर्य के अध्ययन के लिए आज लांच होने वाले आदित्य एल1 मिशन में नैनीताल स्थित आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
एरीज के अनेक वैज्ञानिक इस मिशन से जुड़े हैं। एरीज के निदेशक दीपांकर बनर्जी को इससे प्राप्त डाटा विश्लेषण और विद्यार्थियों को इनके अध्ययन के लिए प्रशिक्षित करने को गठित साइंस वर्किंग ग्रुप का सह अध्यक्ष बनाया गया है। डॉ. बनर्जी आदित्य (Aditya-L1) की लांचिंग में शामिल होने के लिए लांचिंग साइट श्रीहरिकोटा पहुंचे।
इसरो की ओर से इस मिशन के माध्यम से वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों सहित एवं आम जनों को इसरो से जोड़ने के उद्देश्य से सपोर्ट सेल का गठन किया है। इसके लिए एरीज में प्रोजेक्ट इंचार्ज एरीज के निदेशक डॉ. दीपांकर बनर्जी (Dipankar Banerjee) के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है।
सपोर्ट सेल में असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ. वैभव पंत तथा अन्य शोधार्थी शामिल हैं। यह सपोर्ट सेल मिशन से प्राप्त होने वाले डाटा को खगोल वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों आदि से शेयर करेगी और विद्यार्थियों व आम जनों में विज्ञान के प्रति रुचि, वैज्ञानिक समझ विकसित करने का कार्य करेगी। साथ ही सपोर्ट सेल देश के अन्य क्षेत्रों में भी संस्थानों में कार्यशाला का आयोजन करवा रही है।
इनमें वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों व शोधार्थियों आदित्य मिशन की उपयोगिता तथा इससे प्राप्त होने वाले डाटा की उपलब्धता और इसके अध्ययन तथा विश्लेषण के तरीके बताए जा रहे हैं। इस कड़ी में अंतिम कार्यशाला 28 सितंबर से 2 अक्तूबर तक आईआईटी कानपुर में आयोजित की जाएगी।
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