— कार्यशाला आयोजित कर बनाई कार्ययोजना, प्रशिक्षण दिया
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
निकटवर्ती ब्लाक हवालबाग अंतर्गत स्वास्थ्य उप केन्द्र चौंरा में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत ‘मेरा गांव टीबी मुक्त हो’ मुहिम को साकार करने के लिए एक कार्यशाला एवं प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। जिसमें कारगर योजना तैयार की गई। हवालबाग ब्लाक में पातलीबगड़ न्याय पंचायत के गांवों से 28 नवंबर को मुहिम शुरू होगी।
तय किया गया कि न्याय पंचायत पातलीबगड़ से लगे उसकोना, नाकोट, भनरगांव, बर्सीमी आदि गांवों में क्षय रोगियों की पहचान के लिए 28 नवम्बर 2022 से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलाया जाएगा। यह 4 दिसम्बर 2022 अभियान तक चलेगा। जिसमें स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर टीबी के लक्षण वाले मरीजों की पहचान करेंगे और यदि इसमें किसी व्यक्ति में टीबी रोग की पुष्टि होती है। तो उसकी ब्लड शुगर, यूडीसी और एचआईवी की मुफ्त जांच कर निक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
टीबी रोग की पुष्टि के 48 घंटे में रोगी का उपचार शुरू कर उसे निक्षय पोषण योजना से लिंक किया जाएगा। इससे रोगी को बेहतर पोषण के लिए 500 रुपये की धनराशि मरीज के बैंक खाते में समय से मिल सकेगी। वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक आनन्द सिंह मेहता ने बताया कि क्षय रोगियों की तलाश के लिए आशा, आंगनबाड़ी और वॉलंटियर्स की मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर टीबी रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों की जांच करेंगे। इसके तहत दो सप्ताह से ज्यादा खांसी होने, बलगम में खून आने, भूख में कमी, वजन में कर्मी, सीने में दर्द, दो हफ्ते से ज्यादा रूक—रूक कर बुखार आने आदि लक्षणों पर सैंपलिंग की जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. प्रांशु डेनियल ने बताया है कि शहरी नगर क्षेत्र एवं उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में माइक्रो प्लान तैयार कर घर-घर स्क्रीनिंग की जाएगी। हवालबाग सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. रंजन तिवारी ने बताया कि टीबी संक्रमण रोकने के लिए मरीजों की जल्दी पहचान व उपचार शुरू होना जरूरी है। उक्त कार्यशाला एवं प्रशिक्षण में ग्राम प्रधान देवेन्द्र सिंह, विनोद सिंह, मनोज कुमार, राजेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य विभाग से ललित जोशी, लैब सुपरवाइजर भरत राणा, पूनम भट्ट, प्रियंका भट्ट, मनीषा पनेरु, गीता तिवारी, शोभा, जानकी जोशी आदि क्षेत्रीय ग्रामीण उपस्थित रहे।