पालिका शुरू करेगी बंदर पकड़ने का ​अभियान, बैठक में लिए यह महत्वपूर्ण फैसले

सीएनई रिर्पोटर, अल्मोड़ा नगर क्षेत्र में लगातार बढ़ रही बंदरों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए नगर पालिका परिषद अल्मोड़ा बंदरों को पकड़ने का…

Here monkeys pounced on a young businessman

सीएनई रिर्पोटर, अल्मोड़ा

नगर क्षेत्र में लगातार बढ़ रही बंदरों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए नगर पालिका परिषद अल्मोड़ा बंदरों को पकड़ने का अभियान 04 अप्रैल, सोमवार से शुरू करने जा रही है। बंदरों के बंध्याकरण की भी व्यवस्था की जा रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों को पकड़ने का जिम्मा वन विभाग का रहेगा।

पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी की अध्यक्षता में नगर पालिका परिषद, अल्मोड़ा कार्यालय में हुई इस बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम अल्मोड़ा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, अधिशासी अधिकारी, भौमिक पशु सुरक्षा समिति के सदस्य व वन पर्यवेक्षक की मौजूदगी रही। बैठक में पालिकाध्यक्ष द्वारा विगत वर्ष 13 अगस्त, 2020 को हुई हुई बैठक के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गई। सदन को बताया गया कि नगर पालिका नगर में बढ़ रहे बन्दरों के आतंक को देखते हुए हमेशा संवेदनशील रहती है। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि वैसे तो बंदर वन विभाग की सम्पत्ति है, लेकिन नगर क्षेत्र में हो रही परेशानियों को देखते हुए नगर हित में नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत बन्दरों को नगर पालिका द्वारा पकड़ कर वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर छोड़ा जायेगा, जिनका पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा बन्ध्याकरण कर वन विभाग को सौंपा जायेगा। जिसे वन विभाग द्वारा दूर घने जंगलों में छोड़ा जायेगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के बन्दरों को वन विभाग द्वारा ही पकड़ा जायेगा। पालिका द्वारा हाल ही तक इस अभियान को जारी रखा गया था, जिसे चुनावों को एवं होली पर्व को देखते हुए स्थगित कर दिया गया था।

उन्होंने बताया कि पिछली बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा वन प्रभाग द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि जो बन्दर नगर क्षेत्र में पकड़े जायेगें उनका भुगतान वन विभाग द्वारा किया जायेगा, लेकिन अभी तक वन विभाग से उक्त भुगतान प्राप्त नहीं हो पाया। बैठक में चर्चा के दौरान यह निर्णय लिया गया कि अल्मोड़ा नगर में बन्दरों की संख्या काफी बढ़ गयी है, जो पूरे शहर में व्याप्त है। इस सम्बन्ध में यह भी जरूरी है कि बन्दरों की समस्या से निजात पाने के लिए शोध ऐजेन्सियों से भी सम्पर्क किया जाए। तय हुआ कि 04 अप्रैल, सोमवार से बन्दरों को पकड़ने का अभियान शुरू किया जायेगा। बन्दरों को पकड़ने की व्यवस्था अधिशासी अधिकारी नगर पालिका द्वारा की जायेगी।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ० उदय शंकर ने बताया कि वर्तमान में डॉ० योगेश शर्मा धौलादेवी ब्लॉक में कार्यरत हैं तथा यह कार्य उन्हीं के द्वारा सम्पादित किया जाना है। चूंकि यहां पर बन्ध्याकरण हेतु अन्य कोई चिकित्सक तैनात नहीं है। साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि पशु चिकित्सा अधिकारी के रहने हेतु यहां पर आवास की व्यवस्था करनी होगी ताकि वे 2-4 दिन लगतार अल्मोड़ा में बन्दरों का बंध्याकरण कर सकें। साथ ही यह भी बताया गया कि इस हेतु किसी प्रशिक्षित चिकित्सक की स्थाई तैनाती करवायी जाये, जिससे इसका स्थाई समाधान हो सके। साथ ही जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से शासन को प्रति नियुक्ति पर पशु चिकित्सकों की नियुक्ति किये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया जाय।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा यह भी आश्वासन दिया गया कि उनके द्वारा अपने विभाग के माध्यम से भी पत्राचार किया जायेगा कि अल्मोड़ा नगर में बन्दरों के आतंक से निजात पाने के लिए पूर्ण कालिक तैनाती करवाई जाए, जो भविष्य में बन्दर बाड़ा व जू में भी काम आयेगी। प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम अल्मोड़ा दीप चन्द्र पन्त ने बताया कि वर्तमान में उनके पास आवास उपलब्ध हैं तथा उस आवास में पशु चिकित्सा अधिकारी के रहने हेतु व्यवस्था कर दी जायेगी। बैठक में पालिकाध्यक्ष द्वारा बताया गया कि जो व्यय पालिका द्वारा बन्दर पकड़ने में किया जायेगा, उसकी प्रतिपूर्ति वन विभाग/जिला प्रशासन द्वारा की जायेगी। साथ ही अन्य सुविधाएं भी वन विभाग द्वारा की जायेगी। बताया गया कि पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के प्राविधानों के अन्तर्गत बन्दरों के खाने-पीने व उनको छोड़ने की व्यवस्था वन विभाग द्वारा की जायेगी।

भौमिक पशु सुरक्षा समिति की सदस्य कामिनी कश्यप द्वारा बताया गया कि बन्दरों को पकड़ने एवं उनका रख-रखाव व खाने-पीने की व्यवस्था पशु क्रूरता अधिनियम के तहत होनी चाहिए। साथ ही बन्दरों की असुरक्षा नहीं होनी चाहिए। अधिशासी अधिकारी द्वारा बताया गया कि आवारा पशुओं (कुत्तों) व बन्दरों को पकड़ने के लिए निविदा निकाली गई है। निविदा प्राप्त होने पर आवारा कुत्तों व बन्दरों को पकड़ने का कार्य तेजी से करवाया जायेगा। साथ ही नगर के आवारा जानवरों गोवंश को पकड़कर नगर से बाहर बाजपुर गो-सदन भेजे जाने पर भी चर्चा की गई।

पालिकाध्यक्ष ने बताया कि यह अभियान पालिका द्वारा पूर्व से ही लगातार जारी है तथा इस हेतु पूर्व में आबकारी विभाग द्वारा भी अपना सहयोग दिया जाता रहा है। आबकारी विभाग से पूर्व की भांति सहयोग दिये जाने हेतु अनुरोध किया जायेगा तथा पालिका द्वारा पुनः नगर के आवारा जानवरों गोवंश को गो सदन बाजपुर भेजे जाने का अभियान चलाया जायेगा।

बैठक में पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, प्रभागीय वनाधिकारी, सिविल सोयम दीप चन्द्र पन्त, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी उदय शंकर, अधिशासी अधिकारी महेन्द्र कुमार यादव, पालिका सभासद राजेन्द्र तिवारी, भौमिक पशु सुरक्षा समिति की सदस्य कामिनी कश्यप, सफाई निरीक्षक लक्ष्मण सिंह, वन पर्यवेक्षक रूप सिंह, राजपाल पवार, ललित सिंह आदि उपथित रहे।

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