⏩ सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाने वाले शेर सिंह राणा भी हुए शामिल
⏩ जानिये, कौन हैं शेर सिंह राणा
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
चेन्नई तमिलनाडु में हुए दक्षिण भारतीय राजपूत सम्मेलन में भाग लेकर संगठन के विश्व क्षत्रीय परिषद उत्तराखण्ड के अध्यक्ष मनोहर सिंह नेगी भाग लेकर वापस लौट आये हैं। सम्मेलन में पृथ्वीराज चौहान कि दफन की गयी अस्थियों को हिंदुस्तान लाने वाले शेर सिंह राणा भी शामिल हुए।
विश्व क्षत्रीय परिषद उत्तराखण्ड के अध्यक्ष मनोहर सिंह नेगी गत 03 अगस्त 2022 को दक्षिण भारतीय राजपूतों के सम्मेलन में भाग लेने चेन्नई तमिलनाडु रवाना हुए थे। 06 अगस्त को विश्व क्षत्रीय परिषद के सम्मेलन में उन्होंने भाग लिया, जिसमें हर राज्य से क्षत्रीय पदाधिकारियों ने भी शिरकत की। सम्मेलन में काबुल से पहले सम्राट पृथ्वीराज चौहान की दफन की गयी अस्थियों को हिंदुस्तान लाने वाले शेर सिंह राणा भी शामिल हुए। उन्होंने 07 अगस्त को तमिलनाडु के राजपूतों द्वारा किये गये धरना-प्रदर्शन में भी भाग लिया। श्री नेगी ने बताया कि वहां हुए प्रदर्शन का मुख्य कारण पिछली एमडीएम की सरकार ने यहां 10.5% रिजर्वेशन दिया था। मगर वर्तमान सरकार ने इसे लागू नहीं किया। विभिन्न राज्यों से आये चेन्नई में हुई सभा में मनोहर सिंह नेगी ने कहा कि राजपूत किसी भी प्रदेश के हों, वह एक हैं। क्षत्रिय समाज की लड़ाई सभी एकजुट होकर लड़ेंगे। इस मौके पर शेर सिंह राना ने कहा सभी क्षत्रियों को एकजुट होकर एक अलग पोलिटिकल पार्टी बनानी होगी।
जानिये, कौन हैं राजपूत वीर शेर सिंह राणा
शेर सिंह राणा जन्म 17 मई 1976, उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था। वह अंतिम हिंदू सम्राट कहे जाने वाले पृथ्वीराज चौहान की अफगानिस्तान के गजनी इलाके में रखी अस्थियों को भारत लेकर लाने वाले बेहद चर्चित व्यक्ति हैं। फूलन देवी की हत्या के आरोप में उन्हें सजा भी हुई थी और उन्हें तिहाड़ जेल में बंद कर दिया था। शेर सिंह राणा ने जुलाई 2001 में दिल्ली में तत्कालीन सासंद फूलन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह हत्या उसने अस्सी के दशक में यूपी के बेहमई में फूलन द्वारा 22 राजपूतों को एक पंक्ति में खड़ा कर गोली मारकर हत्या कर देने के प्रतिशोध स्वरूप की थी। बाद में फूलन ने आत्म समर्पण कर दिया था और 11 साल जेल में बिताने के बाद मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा टिकट देकर उन्हें सांसद बना दिया था। जेल बाहर आने के बाद एक इंटरव्यू में शेर सिंह ने बताया कि जब वे फूलन देवी हत्या के आरोप में सजा काट रहे थे तभी वे तिहाड़ जेल से गत 17 फरवरी 2004 को भाग गये थे। इस दौरान वह नेपाल, बांग्लादेश, और दुबई के रास्ते होते हुए अफगानिस्तान पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने अपनी जान को जोखिम में डाल कर अफगानिस्तान के गजनी से हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की रखी हुई अस्थियां चुरा ली और भारत वापस लेकर आये। यह मामला साल 2005 की है। उन्होंने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया था। इसके बाद राणा ने अपनी मां की मदद से गाजियाबाद के पिलखुआ में पृथ्वीराज चौहान का मंदिर बनवाया, जहां पर उनकी अस्थियां आज भी रखी हुई हैं।