जैंती में गूंजा गोधन राम का मौत प्रकरण, आरोपों से घिरी रही पुलिस, एसडीएम की वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित

सीएनई रिपोर्टर, जैंतीजैंती तहसील अंतर्ग ग्राम नया संग्रोली निवासी स्व. गोधन राम की मौत का मामला शुक्रवार को जैंती में खूब गूंजा। वार्ता करने पहुंची…

सीएनई रिपोर्टर, जैंती
जैंती तहसील अंतर्ग ग्राम नया संग्रोली निवासी स्व. गोधन राम की मौत का मामला शुक्रवार को जैंती में खूब गूंजा। वार्ता करने पहुंची एसडीएम मोनिका सिंह के समक्ष आंदोलित लोगों ने पुरजोर तरीके से मामला रखा। इस दौरान पुलिस के साथ खूब बहस हुई और आंदोलनकारियों ने पुलिस को खरी—खरी सुनाई। मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया। बहरहाल जांच करने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासन मिलने पर यहां चल रहा धरना व अनशन 15 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है।
गौरतलब है कि जैंती तहसील अंतर्गत ग्राम सभा नया संग्रोली निवासी स्व. गोधन राम की 24 फरवरी, 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बाद में स्व. गोधन राम के परिजनों ने तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसके ससुरालियों ने उसे धोखे से जहरीला पदार्थ खिलाया, तभी अचानक उसकी मौत हो गई। उनका आरोप है कि ससुरालियों ने गोधन राम की हत्या की है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने विवेचना की। मामले में स्व. गोधन राम की पत्नी गिरफ्तार हो चुकी है। मगर इस कार्यवाही को नाकाफी बताते हुए अब पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए पूर्व छात्र नेता एवं पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धना धौनी के नेतृत्व में तहसील कार्यालय जैंती के समक्ष अनशन व धरना चल रहा है। आंदोलनकारियों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और स्व. गोधन राम की मौत के दोषी उसके ससुराल के अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जाए। शुक्रवार को एसडीएम मोनिका सिंह वार्ता करने मौके पर पहुंची।
करीब दो घंटे तक उप जिलाधिकारी से इस मामले पर गहन चर्चा हुई। आंदोलन का नेतृत्व कर रही धना धौनी ने पूरा घटनाक्रम एसडीएम के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जब गोधन राम को अस्पताल ले जाया गया, तब उसके साथ ससुराल से कोई नहीं आया और जब उसकी हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उसके ससुराल वालों ने फोन पर वार्ता कर किसी तरह इस मामले को निपटाने का गुजारिश की। पीड़ित परिवार का आरोप था कि गोधन राम के ससुराल वालों ने उसके खाने में कोई जहरीला पदार्थ मिला कर उसे मारने की साजिश रची थी। धना धोनी ने लमगड़ा थानाध्यक्ष सुनील सिंह बिष्ट और जैंती चौकी प्रभारी गौरव जोशी पर आरोप लगा डाला कि उनके द्वारा इस मामले ढिलाई बरती जा रही है। तभी आठ माह बीतने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पुलिस ने शुरू में मामले में लीपापोती करने की कोशिश भी की। यहां तक कि चौकी प्रभारी पर अन्य मामलों में लोगों को बेवजह परेशान करने का आरोप तक लगा डाला। इस दौरान सभी लोगों ने एसडीएम से चौकी प्रभारी जैंती का स्थानांतरण करने तथा उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच किसी अधिकारी से कराने की मांग उठा दी। इस दौरान आंदोलनकारियों तथा थानाध्यक्ष बीच जमकर बहस हुई।
बाद में उप जिलाधिकारी ने समझा कर सभी को शांत कराया। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस प्रकरण की 15​ दिनों के अंदर निष्पक्ष जांच की कार्रवाई की जाएगी तथा इसमें लिप्त सभी दोषियों के

खिलाफ उचित कार्यवाही अमल में लाई जाएगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा। उन्होंने दूरभाष से मामला डीएम के संज्ञान में भी डाला। उप जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद आंदोलन 15 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के बाद भी पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला, तो उग्र आंदोलन होगा। आंदोलन में भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय डालाकोटी, मंडल महामंत्री महेन्द्र सिंह मेहरा, खीम बिष्ट, ललित मोहन जोशी, हरीश भट्ट, खीमानंद जोशी, षष्टी दत्त भट्ट, मोहन जोशी, प्रकाश जोशी सहित गांव की कई महिलाएं व पुरुष शामिल थे।

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