ALMORA NEWS: पर्यावरण संस्थान के निदेशक डा. रावल के निधन से शोक की लहर, स्व. रावल ने पर्यावरण को समर्पित किया पूरा जीवन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाजीबी पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल के निदेशक डाॅ. आरएस रावल के असामयिक निधन से पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिकों तथा विभिन्न विषय…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल के निदेशक डाॅ. आरएस रावल के असामयिक निधन से पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिकों तथा विभिन्न विषय विशेषज्ञों व कर्मचारियों में जबर्दस्त शोक की लहर फैली है। यहां सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में आयोजित शोक सभा में द्विवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा डा. रावल ने अपना संपूर्ण जीवन पर्यावरण के लिए समर्पित किया और उनके असमय निधन से उत्तराखंड की भारी क्षति हुई है।

शोकसभा में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने अपने शोक संदेश में कहा कि डॉ. आरएस रावल का असमय निधन से उत्तराखंड की अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि डा. रावल ने एक वैज्ञानिक और पर्यावरण चिंतक के रूप में पर्यावरण के लिए भरपूर योगदान दिया। उन्होंने कहा कि एक संवेदनशील वैज्ञानिक के रूप में डा. रावल के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। प्रो. भंडारी ने कहा कि स्व. डॉ. रावल सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के हमेशा से हितैषी रहे। उन्होंने विद्यार्थियों और शोधकों को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा से सहयोग दिया। आगे भी वह जीबी पंत संस्थान और सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के तालमेल से पर्यावरण क्षेत्र में बेहतर वैज्ञानिक तैयार कर चाहते थे।

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विश्वविद्यालय के शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि मृदु स्वभाव के धनी डॉ. रावल ने पर्यावरण को लेकर उत्कृष्ट शोधकार्यों के जरिये हिमालयी राज्य के लिए अविस्मरणीय योगदान दिया है। उनकी असमय मौत बेहद दुखदायी है। अन्य वक्ताओं ने कहा कि डा. रावल के निधन से हमने एक प्रतिभावान वैज्ञानिक और पर्यावरणविद को खो दिया है। उनके निधन से वैज्ञानिक जगत को भारी क्षति हुई है। सभी ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और शोकाकुल परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। उल्लेखनीय है कि डाॅ. रावल का करीब दो सप्ताह से स्वास्थ्य खराब चल रहा था। जिनका बरेली के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। गत शुक्रवार रात हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई थी।

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शोक व्यक्त करने वालों में परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुशील कुमार जोशी, विश्वविद्यालय के विशेष कार्याधिकारी डॉ. देवेंद्र सिंह बिष्ट, कुलसचिव डॉ. बिपिन चंद्र जोशी, परिसर निदेशक प्रो. नीरज तिवारी समेत डॉ. भाष्कर चैधरी, डॉ. मुकेश सामंत, डॉ. नवीन भट्ट, डॉ. ललित चंद्र जोशी आदि कई कर्मचारी शामिल हैं।

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