मुश्किल में पशुपालकः खेत जुताई ठप, दुधारु गायों का दूध भी नसीब नहीं

बागेश्वर जिले में लंबी वायरस ने किसानों की बढ़ाई मुश्किलें
गुस्साए पशुपालकों ने दिया धरना, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः जिले में कई जगह लंपी वायरस ने पशुपालकों की नींद हराम कर दी है। चिंतनीय स्थिति ये है कि पशुपालक दुधारु गायों का दूध नहीं निकाल पा रहे और कई बैल इस बीमारी की चपेट में आकर मर चुके हैं, जिससे खेत जोतने पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। तमाम गौवंशीय पशु इस वायरस की चपेट में हैं। सरकार द्वारा सुध नहीं लिये जाने से खिन्न होकर आज पशुपालक तहसील परिसर में धरने पर उतर आए और उन्होंने एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।
शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता बालकृष्ण के नेतृत्व में पशुपालक तहसील परिसर में जुटे और उन्होंने धरना दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिले में लंपी लगातार फैला है। कई पशुपालकों के बैल मर गए हैं। जिससे खेत जोतने का काम ठप हो गया है। गायों से लोग दूध नहीं निकाल रहे हैं। जिससे उनकी आजीविका पटरी से उतर गई है। इस स्थिति से पशुपालक भयभीत व चिंतित हैं। यहां तक कि अन्य काम के लिए गांव से पलायन कर रहे हैं। लंपी ग्रस्त गोवंश को जंगल में छोड़ रहे हैं। जिससे अन्य पशुओं को भी बीमारी फैल रही है। उन्होंने कहा कि इससे भयावह स्थिति है। दूसरी तरफ पशुपालन विभाग में मैनपावर की कमी चल रही है।
गुस्सा इस बात को लेकर है कि पशुपालकों की सुध नहीं ली जा रही है। आरोप लगाया कि सरकार आगामी चुनावों की तैयारी में जुटी है और विपक्ष मौन है। उन्होंने गांव-गांव में पशु स्वास्थ्य शिविर लगाने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दौरान बहादुर सिंह बिष्ट, महेश पंत, राजा पांडे, अर्जुन देव, महिपाल सिंह, पप्पू पांडे, हेमलता, हेमा, भावना, दीप्ती, नवीन चंद्र, दीक्षा, रणजीत, दिनेश कुमार, लक्ष्मण आर्या, गीता कांडपाल, रंजना आदि उपस्थित थे।