बिजली बचाओ ! जो हर किसी की नैतिक जिम्मेदारी, उसके लिए जारी करना पड़ा आदेश

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून गर्मियों के इस मौसम में लगातार बढ़ रहे तापमान के बीच बिजली संकट को आज पूरा प्रदेश झेल रहा है। ऐसे में…

आधे नगर में गुल रही बिजली, लोगों ने झेली दुश्वारियां

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून

गर्मियों के इस मौसम में लगातार बढ़ रहे तापमान के बीच बिजली संकट को आज पूरा प्रदेश झेल रहा है। ऐसे में सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कार्मिक ही क्या, समाज के हर नागरिक की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह ​बिजली की बजत करे और फिजूलखर्ची से बचे। इसके बावजूद इसे विडंबना ही कहा जायेगा इस सामान्य सी बात के लिए ऊर्जा निगम के एमडी ने निर्देश जारी करने पड़े हैं।

दरअसल, यह निर्देश उत्तराखंड प्रदेश के बिजली विभाग के दफ्तरों के लिए जारी किये गये हैं। जिसमें कहा गया है कि बिना जरूरत कंप्यूटर, प्रिंटर दिनभर खुले नहीं रखें। परिसर, कॉरिडोर, शौचालय और अन्य स्थानों पर दिन के समय में जब प्राकृतिक रोशनी होती है, तब लाइट व पंखों का इस्तेमाल न किया जाए। खास तौर पर बिजली विभाग के दफ्तरों में सुबह 11 बजे से पहले कोई भी एसी (air conditioner) नहीं चलेगा। जहां बहुत जरूरी होगा, वहां एसी 24 डिग्री तापमान पर ही चला सकेंगे।

हैरानी की बात है कि Uttarakhand Power Corporation Limited (UPCL) के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार को सभी कार्यालयाध्यक्षों को इस संबंध में आदेश जारी करना पड़ा है, जबकि इतनी छोटी सी समझ यदि हर सरकारी विभाग के कार्मिकों में हो जाये तो प्रदेश में बिजली संकट इतना हावी नहीं होगा। अमूमन देखा गया है कि लोग अपने घरों में तो बिजली की बचत करते हैं, लेकिन सरकार दफ्तरों में दिन भर बिना जरूरत के एसी, पंखा, लाइटें आदि खुली छोड़ दी जाती हैं।

आदेश में कहा गया है कि जब भी कोई अधिकारी, कर्मचारी किसी विभागीय काम से या भोजन के लिए कार्यालय में अनुपस्थित हो तो लाइट, पंखा, एसी, कूलर आदि को बंद करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि परिसर, कॉरिडोर, शौचालय और अन्य स्थानों पर दिन के समय में जब प्राकृतिक रोशनी होती है, तब लाइट व पंखों का इस्तेमाल न किया जाए। जहां तक संभव हो सके, एक कक्ष में एक से अधिक अधिकारी अपने कार्यों को बैठकर पूरा करें। दफ्तर में लगे हुए कंप्यूटर, प्रिंटर को बिना आवश्यक कार्य दिनभर खुला न रखा जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को बिजली बचत के प्रति जागरूक रखें।

यही नहीं, यूपीसीएल ने सभी उपभोक्ताओं से भी अधिक से अधिक बिजली बचाने की अपील की है। यूपीसीएल एमडी की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि घर के गीजर, कंप्यूटर, टीवी आदि को जरूरी होने पर ही चलाएं। पंखा, ट्यूबलाइट, फ्रिज, एसी का बहुत जरूरी होने पर ही उपयोग करें। अपने बच्चों को भी बिजली बचत के प्रति जागरूक करें। खैर, इतना ही कहा जा सकता है कि यूपीसीएल को घरेलू उपभोक्ताओं से अधिक सरकारी विभागों पर नजर रखनी चाहिए। आवश्यकता तो इस बात की है कि उत्तराखंड सरकार अब बिजली की फिजूलखर्ची रोकने के लिए अपनी ओर से सख्त दिशा—निर्देश जारी करे, जिसमें सजा का प्रावधान भी हो। तभी जाकर कुछ ​स्थिति सुधर सकती है। अन्यथा केवल मौखिक आदेश को मानने वालों की संख्या विभागों में लगभग शून्य ही है।

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