
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक बार फिर नौकरीपेशा लोगों को धीरे से बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने सैलरी के नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए हैं, जिससे आपको मिलने वाली पगार पर असर पड़ेगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए देश में अभी तक 29 श्रम कानून थे। केंद्र सरकार ने बदलाव करते हुए इनकी संख्या 29 से 4 कर दी है। ये कानून हैं- व्यावसायिक सुरक्षा कानून, स्वास्थ्य और कार्य की स्थितियां, औद्योगिक संबंध और सामाजिक सुरक्षा कानून। एक अप्रैल से नए कानून लागू हो जाएंगे और एक मई की सैलरी पर इनका असर भी दिखना शुरू हो जाएगा।
नौकरी करने वाले लोग दो शब्दों से परिचित होते हैं, पहला CTC यानी कॉस्ट टु कंपनी और दूसरा टेक होम सैलरी, इसे ही इन-हैंड सैलरी भी कहते हैं। अब आपको समझाते हैं सीटीसी क्या है। सीटीसी यानी आपके काम के ऐवज में कंपनी का कुल खर्च, यह आपकी कुल सैलरी होती है। इस सैलरी में आपकी बेसिक सैलरी तो होती ही है, इसके अलावा हाउस अलाउंस, मेडिकल अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस, फूड अलाउंस, सिटी अलाउंस और इंसेंटिव भी होता है। इन सबको मिलाकर आपकी टोटल सैलरी तय होती है। और अब बात टेक होम सैलरी की।
जब आपके हाथ में सैलरी आती है तो वह आपकी सीटीसी से कम होती है। इसकी वजह यह है कि कंपनी आपकी सीटीसी यानी कुल सैलरी से कुछ पैसा प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ के लिए काटती है, कुछ मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम के तौर पर काटती है और इसके अलावा भी कुछ मदों में कटौती की जाती है। इन सभी के बाद जो पैसा आपके हाथ में आता है, वह आपकी इन-हैंड सैलरी होती है। अब सवाल यह कि आपको मिलने वाली सेलरी पर नए नियमों का कैसे असर पड़ेगा। जिसकी बेसिक सैलरी सीटीसी की 50% है, उसे कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला, लेकिन जिसका मूल वेतन सीटीसी के 50% से कम है, उसे इन नियमों का नुकसान उठाना पड़ेगा।
क्योकि नए नियमों में कहा गया है कि अब किसी की भी बेसिक सैलरी CTC के 50% से कम नहीं हो सकती। दरअसल PF का पैसा आपकी बेसिक सैलरी से कटता है, जो बेसिक सैलरी का 12% होता है। यानी बेसिक सैलरी जितनी ज्यादा होगी PF उतना ज्यादा कटेगा। पहले लोग टोटल सीटीसी से बेसिक सैलरी कम कराकर अलाउंस बढ़वा लेते थे, जिससे टैक्स में छूट भी मिल जाती थी और PF भी कम कटता था। इससे इन-हैंड सैलरी बढ़ जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा और आपको इन हैंड कम सेलरी मिलेगी।