हल्द्वानी। अखिल भारतीय किसान महासभा ने आज कार रोड, बिन्दुखत्ता के शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन कर आज की वार्ता में किसानों की मांगें मानने की मांग की। धरने को संबोधित करते हुए किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने कहा कि मोदी सरकार जिस तरह से देश के अन्नदाताओं के साथ विदेशी आक्रांताओं सा व्यवहार कर रही है वह देश के किसानों को मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कारपोरेट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के चलते श्रमकानूनों को खत्म कर मजदूरों को मजबूर करने की कोशिश के बाद अब किसानों और आमजन को बर्बाद करने के लिए तीन कृषि कानूनों को लागू करने पर आमदा है और देश के अन्नदाताओ के विरोध को नजरंदाज कर आन्दोलन को विदेशी साजिश व विपक्षी दलों द्वारा भ्रमित करने का आरोप लगा कर देश के आवाम के खिलाफ बहुत बड़ा षड्यंत्र कर रही है । उन्होंने मोदी सरकार की षड्यंत्रकारी जनविरोधी नीतियों को समझते हुए एकजुट होकर बड़े संघर्ष में उतरने का आह्वान करते हुए कहा कि यह सरकार अंग्रेजी हुकुमत के कम्पनीराज को फिर कायम करना चाहती हैं।”
उन्होंने कहा कि, “एक तरफ प्रधानमंत्री द्वारा किसानों के आंदोलन को दिखावा या भ्रमित बताया जा रहा है दूसरी और वार्ता की नौटंकी सरकार कर रही है।
यदि सरकार वास्तव में वार्ता के लिए गंभीर है तो किसानों की मांगों को बिना शर्त मानना होगा। तीन किसान विरोधी कानूनों और प्रस्तावित बिजली बिल-2020 को वापिस लेना होगा।”
किसान महासभा के जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “पूरे देश के किसान एकताबद्ध हैं और सभी एक सुर में केन्द्र सरकार से तीन किसान विरोधी, जनविरोधी कानूनों, जो कारपोरेट के हित की सेवा करते हैं और जिन्हें बिना चर्चा किए पारित किया गया तथा बिजली बिल 2020 की वापसी की मांग कर रहे हैं। किसान शांतिपूर्वक व संकल्पबद्ध रूप से दिल्ली पहुँचे हैं और अपनी मांग हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। और जब तक किसान विरोधी काले कानूनों की वापसी नहीं होगी तब तक यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है।”
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धरने में आनंद सिंह नेगी, बहादुर सिंह जंगी, भुवन जोशी, ललित मटियाली, विमला रौथाण, पुष्कर दुबड़िया, स्वरूप सिंह दानू, हरीश चंद्र सिंह भंडारी, प्रोनोबेस करमाकर, आनंद सिंह दानू, शेर सिंह विजयपाल, हरीश टम्टा, पनिराम, त्रिलोक सिंह दानू, ललित जोशी, पान सिंह , रतन सिंह, राम सिंह, किशन सिंह आदि मौजूद रहे।