Modern Lib. में डेलनेट की बड़ी अहमियत, जुड़े हैं देश-विदेश के 7,285 पुस्तकालय

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा आधुनिक पुस्तकालयों में डेलनेट बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आज के दौर में पुस्तकालय को नेटवर्क से जोड़ने और संसाधनों के आदान—प्रदान…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

आधुनिक पुस्तकालयों में डेलनेट बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आज के दौर में पुस्तकालय को नेटवर्क से जोड़ने और संसाधनों के आदान—प्रदान के लिए डेलनेट की मुख्य भूमिका है। देश-विदेश के 7285 पुस्तकालय, डेलनेट से जुड़े हैं। यह बात एडी पंत केन्द्रीय पुस्तकालय, सोबन सिंह जीना विश्ववविद्यालयए परिसर अल्मोड़ा, उत्तराखंड एवं डेलनेट (डेवेलेपिंग लाइब्रेरी नेटवर्क), नई दिल्ली द्वारा डेलनेटः रिसोर्सेेज एवं सर्विसेज” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में वक्ताओं ने कही।

मुख्य अतिथि रूप में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रोफेसर एनएस भण्डारी, मुख्य वक्ता डॉ. संगीता कौल (डायरेक्टर, डेलनेट, नई दिल्ली) वेबिनार अध्यक्ष रूप में प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट (अधिष्ठाता प्रशासन) संयोजक प्रोफेसर भीमा मनराल (प्रोफेसर इंचार्ज लाइब्रेरी, सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा) तथा सह संयोजक रूपा में डॉ. बिभाष कुमार मिश्रा (उप.पुस्तकालयाध्यक्ष) सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा ने संयुक्त रूप से वेबिनार का शुभारम्भ किया।

वेबिनार की संयोजक प्रोफेसर भीमा मनराल (प्रोफेसर इंचार्ज लाइब्रेरी, सोबन सिंह जीना परिसरए अल्मोड़ा) ने अतिथियों का स्वागत करते हुए डेलनेट के संबंध में कहा कि आधुनिक पुस्तकालयों में डेलनेट बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस अवसर पर वेबिनार के उप संयोजक डॉ. बिभाष कुमार मिश्रा (उप-पुस्तकालयाध्यक्ष) ने डेलनेट के संबंध में विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पुस्तकालय को नेटवर्क से जोड़ने और संसाधनों के आदान—प्रदान के लिए डेलनेट की मुख्य भूमिका है। कोविड-19 के दौर में हम घर से डेलनेट के माध्यम से कई चीजों को सीख सकते हैं और पुस्तकालय में बैठकर हम दूसरे पुस्तकालयों से पुस्तकों, शोधपत्रों आदि को प्राप्त कर सकते हैं। शोधार्थी के लिए यह शोध में बहुत कीमती साबित हुआ है।  

मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ. संगीता कौल (डायरेक्टर, डेलनेट, नई दिल्ली) ने डेलनेट के प्रयोग करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि आज के समय में डेलनेट में 3 करोड़ से अधिक पुस्तकों का संग्रह है, जिसका हम अध्ययन कर सकते हैं। आज के समय में देश-विदेशके 7285 पुस्तकालय, डेलनेट से जुड़े हैं।  

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट (अधिष्ठाता प्रशासन) ने कहा कि सभी अध्येताओं को डेलनेट के माध्यम से नवीन जानकारियां अपने अध्ययन क्षेत्र की प्राप्त होंगी। जिससे कि वह शोधकार्य को और अधिक बेहतर बना सकते हैं। डेलनेट संसाधन के रूप में हमारे सामने है। रिसोर्स के आदान—प्रदान के लिए यह महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने सभी प्रतिभिागियों को अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को आधुनिक समय के अनुरूप बेहतर पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डेलनेट आज के समय में ज्ञान एवं संसाधनों के आदान—प्रदान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह पुस्तकालय भी डेलनेट से जुड़ा है।

इस अवसर पर वेबिनार का संचालन वेबिनार की संयोजक प्रो. भीमा मनराल (प्रो. इंचार्ज, लाइब्रेरी) ने तथा सह संयोजक डॉ. विभाष मिश्रा (उप पुस्तकालयाध्यक्ष) ने सभी का आभार जताया। आयोजन में बिहार, प. बंगाल, नई दिल्ली, जयपुर, राजस्थान, हरियाणा, केरल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, गुजरात, उड़ीसा, चंड़ीगढ,छत्तीसगढ़,कर्नाटक, उधमसिंहनगर, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि कई क्षेत्रों के लगभग 200 प्रतिभागियों ने इस राष्ट्रीय वेबिनार में प्रतिभाग किया।

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