बागेश्वर: दो दिन से जल रहे मिहिनिया व भटोली के जंगल

✍🏻 जिले के जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ रहीं ✍🏻 वनों में आग लगाई, तो कड़ी कार्रवाई: डीएम सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिले के जंगलों…

दो दिन से जल रहे मिहिनिया व भटोली के जंगल

✍🏻 जिले के जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ रहीं
✍🏻 वनों में आग लगाई, तो कड़ी कार्रवाई: डीएम

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिले के जंगलों की आग कम नहीं हो रही है। दो दिन से जिला मुख्यालय से लगे मिहिनिया व भटोली का जंगल जल रहा है। अब आग के रिहायशी क्षेत्र में पहुंचने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी है। रेंजर एसएस करायत ने बताया कि आग बुझाने के लिए वन कर्मी रवाना हो गए हैं।

मालूम हो कि 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन होता है। इस सीजन में सबसे अधिक आग की घटनाएं होती है। जंगल को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने 102 फायर वॉचर तैनात किए हैं। 30 क्रू सेंटर बनाए हैं। इसके बाद भी जंगल की आग कम नहीं हो रही है। जिला मुख्यालय से लगे मिहिनिया व भटोली के जंगल में आग लगी है। आग को रिहायशी इलाके तक फैलने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी है। क्षेत्रीय निवासी पंकज ने बताया कि मंगलवार की शाम चार बजे से यह आग लगी हुई है। आग ने पूरे जंगल को अपने आगोश में लिया है। जंगल से लगे घर होने के कारण लोग दहशत में है। उन्होंने धधकती आग पर काबू पाने की मांग की है। इसके अलावा धरमघर रेंज के जाखनी, जारती व बास्ती के जंगल में भी आग लगी हुई है। आग से पूरा वातावरण में धुंध छाई है। लोगों के आंखों में जलन महसूस हो रही है। इधर वन विभाग के रेंजर एसएस करायत ने बताया कि जंगल की आग की सूचना मिलने के बाद वन कर्मियों को मौके पर भेज दिया है। जल्द आग पर काबू पाया जाएगा।
वनों में आग लगाई, तो कड़ी कार्रवाई

बागेश्वर: वनाग्नि सीजन को देखते हुए जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जंगलों में आग लगाने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लोगों से अपील की है कि राह चलते हुए जलती हुई बीड़ी, सिगरेट, माचिस की तिल्ली न फेंके। उन्होंने कहा कि वन विभाग व प्रशासन जंगलों को आग से बचाने के लिए निरंतर ठोस प्रयास कर रहा है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व जंगलों को आग लगाकर वन संपदा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने ऐसे लोगों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश वन विभाग को दिए हैं।

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