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पर्यटन योजनाओं का लाभ प्रवासियों को भी मिलेः सतपाल महाराज

देहरादून। उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने आज पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर कार्यों को समय से पूरा न करने पर कार्यवाही की चेतावनी दी है।
गढ़ी कैंट स्थित पर्यटन विकास परिषद स्थित सभागार में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी यात्रा मार्गों पर यात्रियों के लिए गुणवत्ता युक्त शौचालयों के साथ-साथ यात्रा रूट पर जगह जगह इस प्रकार के संकेत होने चाहिए की यात्री किस दिशा में जा रहा है और कहां पर मोबाइल की कनेक्टिविटी है और कहां पर नहीं है ताकि उसे किसी प्रकार की परेशानी यात्रा के दौरान ना उठानी पड़े। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कैरवान पार्क बनाने के साथ-साथ यात्रियों के लिए सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं विकसित करने के लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सतपाल महाराज ने बताया कि कोविड- 19 को देखते हुए तय किया गया है कि 72 घण्टे पूर्व कोविड टेस्ट करवाने वाले यात्री की रिपोर्ट यदि नेगेटिव पाई जाती है तो वह कहीं भी घूम सकता है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि सुरकंडा रोपवे निर्माण कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह चाइनीस उपकरणों के स्थान पर स्वदेश निर्मित उपकरणों को रोपवे निर्माण में प्रयोग करे। इसीलिए उसे एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया गया है। सतपाल महाराज ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रह आवास (होम स्टे) योजना जो कि कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से काफी प्रभावित हुई है उससे जुड़े व्यक्तियों एवं कार्मिकों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत 24. 30 करोड़ रुपए की धनराशि के सापेक्ष 11. 85 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना को और अधिक आकर्षक बनाए जाने के उद्देश्य से प्रदेश के मार्गों पर संचालन हेतु एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 50 बसों/इलेक्ट्रॉनिक बसों के क्रय हेतु ऊंची संक्रम की लागत के 50 प्रतिशत किंतु अधिकतम 15 लाख रुपए की राजकीय सहायता देने का निर्णय लिया गया है। पर्यटन मंत्री महाराज ने केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ स्वदेश दर्शन के अंतर्गत चल रही योजनाओं की भी समीक्षा की। महाराज ने बताया कि टिहरी झील विकास कार्यों की भी समीक्षा की गई है जिसका की 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। कटारमल जागेश्वर हेरिटेज सर्किट के कार्य भी पूर्ण किए जा चुके हैं। स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत महाभारत सर्किट का 9770.25 लाख रूपये का कन्सेप्ट नोट तैयार कर भारत सरकार को भेजा जा चुका है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रसाद योजना के तहत केदारनाथ विकास कार्यों का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। बद्रीनाथ में भी विकास कार्य किए जा रहे हैं गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। बाह्य सहायतित योजनाओं में झील के समग्र पर्यटन विकास हेतु 1210 करोड रुपए के ऋण प्रदान किए जाने पर नेशनल डेवलपमेंट बैंक द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। महाराज ने कहा कि प्रवासी उत्तराखण्डवासियों के लिए स्वरोजगार प्राप्त हो, जिससे वे उत्तराखण्ड में वापस लौट सकें। कण्डाली की केनींग से भी रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड टूरिज्म क्षेत्रों में शौचालयों में स्वच्छता के साथ स्प्रे होना चाहिए। कोविड को ध्यान में रखते हुए, सोशल डेस्टिेन्सिंग का पालन करने के साथ ही स्टाॅफ को ट्रेनिंग देनी चाहिए।
पर्यटन मंत्री कहा कि शीतकालीन डेस्टिनेशन के रूप में टिबरसैंण महादेव के मंदिर को विकसित करने के लिए कंेन्द्र सरकार से अनुमति मांगी है। टिबरसैंण महादेव में अमरनाथ की तरह बहुत बड़े शिवलिंग की रचना होती है। मंत्री ने कहा कि उत्तरकाशी से मोरी हरकीदून एवं जखोल सर्किट को पर्यटन एवं ट्रैकिंग के रूप में विकसित करने के लिए कनैक्टिविटी को ध्यान रखते हुए दिशा निर्देश बोर्ड लगाने चाहिए। मंत्री ने कहा कि वेनेला, बड़ी ईलाइची, दाल चीनी आदि के उत्पादन को बढ़ाया दिया जाये।
मंत्री जी ने कहा कि रोप वे परियोजनाओं के अंतर्गत हम शीतकालीन में भगवान केदारनाथ के दूर से दर्शन करते हुए केदारनाथ घाटी के सुन्दर व रमणीक पर्वतीय पहाड़ों के दर्शन कर सकते हैं। प्रदेश के पर्यटन धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वह सभी कार्यों को समय पर पूरा करें। संस्कृति विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों जानकारी देते हुए संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थ यात्रियों को दी जाने वाली धनराशि को 25000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है। इसके अलावा लोक कलाकारों का मानदेय भी दुगना कर दिया गया है। महाराज ने बताया कि प्रदेश में विरासत की अंगीकार योजना लागू की गई है। उन्होंने बताया कि तीलू रौतेली के नाम पर संग्रहालय बनाने की स्वीकृति मिल गई है। बागेश्वर, चंपावत, जोशीमठ, नरेंद्र नगर एवं उधम सिंह नगर में प्रेक्षाग्रह का निर्माण जारी है। सुमित्रानंदन पंत वीथिका कौसानी, जनपद बागेश्वर में उनके घर का जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है। जबकि अनाशक्ति आश्रम, कौसानी के जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है। ऋषिकेश में हिमालय संग्रहालय का निर्माण कार्य और गड़ीकैट में हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का कार्य भी प्रगति पर है।
समीक्षा बैठक में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, निदेशक आशीष भटगई, संस्कृति निदेशक बीना भट्ट सहित पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अनेक अधिकारी उपस्थित थे।

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