अल्मोड़ा: महात्मा गांधी के विचार मौजूदा दौर में प्रासंगिक

👉 विवेकानंद—महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केंद्र में व्याख्यान सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में स्थापित स्वामी विवेकानंद-महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ अध्ययन…

महात्मा गांधी के विचार मौजूदा दौर में प्रासंगिक

👉 विवेकानंद—महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केंद्र में व्याख्यान

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में स्थापित स्वामी विवेकानंद-महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ अध्ययन केंद्र का दूसरा व्याख्यान आज इतिहास विभाग के सभागार में हुआ। जिसमें ‘महात्मा गांधी के प्रेरक जीवन दृष्टांत’ विषयक व्याख्यान हुआ। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि महात्मा गांधी के विचार आज के दौर में प्रासंगिक हैं।


सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर व्याख्यान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम संयोजक डा. चंद्रप्रकाश फुलोरिया ने अतिथियों का परिचय देते हुए कार्यक्रम की पृ​ष्ठभूमि रखी। मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ शिक्षक डॉ. धारा बल्लभ पांडे ने महात्मा गांधी के जीवन और उनके दर्शन को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनके विचार आज के दौर में प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि जो विचारों पर दृढ़ रहते हैं, वहीं आगे बढ़ते हैं। उन्होंने गांधी जी के संस्मरण को साझा कर सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चलने का युवाओं को संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में ऐसे कार्यों से बचें, जिनसे गलत परंपरा स्थापित हो। कुसंगति से बचना जरूरी है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने आध्यात्मिक जीवन को जिया। उन्होंने हिंदी भाषा के प्रचार—प्रसार के लिए भी कार्य किया। साथ ही छुआछूत, अस्पृश्यता, अहिंसा, सत्य को लेकर काम किया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. विद्याधर सिंह नेगी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से प्रेरणा लेनी चाहिए। महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए जनमानस को जाग्रत किया। स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज को तीव्रता दी। उन्होंने कहा कि गांधी जी से मिलने के लिए कुमाऊं का जनमानस एक हुआ। इसके साथ जनमानस ने तन—मन—धन से सहयोग दिया। स्वतंत्रता के लिए उन्होंने अपने आभूषण तक दान दिए। उन्होंने महात्मा गांधी से जुड़ी कई प्रकार की जानकारियां साझा की। प्रो. नेगी ने स्वामी विवेकानन्द-महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केंद्र की सफलता की कामना की।

विशिष्ट अतिथि एवं अध्ययन केंद्र के सह संयोजक डॉ. ललित जोशी ने अध्ययन केंद्र की स्थापना, उद्देश्य और उसके भावी कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर डॉ. गोकुल देवपा, डॉ. प्रेमा खाती, डॉ. लक्ष्मी वर्मा, नवल जोशी, आँचल आर्या, दिव्या, संगीता बहुगुणा, कमल जोशी, साक्षी, पंकज पाना, नेहा आर्या, सुंदर, बबिता भट्ट, आँचल ठाकुर, प्रियंका आर्या, मीनाक्षी आर्या, जगजीवन सिंह, लोकेश पांडे आदि इतिहास विभाग के कई विद्यार्थी शामिल रहे।

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