सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दर लाल बहुगुणा के निधन पर उत्तराखण्ड लोक वाहिनी एवं राज्य के जन आंदोलनों से जुड़े लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। यहां वर्चुअल तरीके से आयोजित एक बैठक में सुंदर लाल बहुगुणा के निधन को उत्तराखंड की बड़ी क्षति बताया। बैठक में उनके संघर्ष को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
वन बचाओ आन्दोलन के नेता एड. जगत रौतेला की अध्यक्षता में हुई आपातकालीन बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सुन्दर लाल बहुगुणा का उत्तराखंड लोक वाहनी से अटूट सम्बन्ध रहा। उन्होंने कई बार वाहिनी के सम्मेलनों में हिस्सा लिया।
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वक्ताओं ने कहा कि स्व. सुंदर लाल बहुगुणा एक गांधीवादी व सर्वोदयी नेता के रूप में वन बचाओ आन्दोलन का नेतृत्व किया। टिहरी बांध विरोधी आन्दोलन में उन्होंने बड़े बांधो के सवालों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाया तथा उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में उत्तराखण्ड के पर्यावरण को एक संसाधन के रूप में प्रयोग करने की वकालत की। उन्होंने सदैव उत्तराखण्ड के जल संसाधन से उत्पन्न बिजली का प्रयोग पहाड़ में बेहतर इस्तेमाल पर जोर देते रहे।
वक्ताओं ने उनकी टिहरी आंदोलन की यादों को भी साझा किया। साथ ही उनसे जुड़े कई संस्मरण सुनाए। बैठक का संचालन दयाकृष्ण काण्डपाल ने किया। सभी ने सुंदर लाल बहुगुणा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस बैठक में वाहिनी नेता पूरन चन्द्र तिवारी, अजय मित्र सिह बिष्ट, जंग बहादुर थापा, रेवती बिष्ट, शुशीला धपोला, अजय मेहता, कुणाल तिवारी, मुहम्मद हारिस आदि ने भागीदारी की।
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