Lok Sabha Elections 2024: Uttarakhand के पहाड़ों में तेजी से चल रहा है आंदोलन, इस गाने को चुनावी राग और रील में शामिल

Lok Sabha Elections 2024: ‘मैं पहाड़ों कू रैबासी तू दिल्ली रौं वाली’ गाने की तर्ज पर पहाड़ों में चुनावी राग और रील गूंजने लगा है।…

Lok Sabha Elections 2024: Uttarakhand के पहाड़ों में तेजी से चल रहा है आंदोलन, इस गाने को चुनावी राग और रील में शामिल

Lok Sabha Elections 2024: ‘मैं पहाड़ों कू रैबासी तू दिल्ली रौं वाली’ गाने की तर्ज पर पहाड़ों में चुनावी राग और रील गूंजने लगा है। इस गाने पर कुछ पार्टियों के प्रत्याशियों के समर्थक और टिहरी गढ़वाल संसदीय सीट और पौडी गढ़वाल संसदीय सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके लोग इस गाने पर रील दर रील बना रहे हैं.

इन रील्स को इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स पर अपलोड और प्रसारित किया जा रहा है। इस गाने के जरिए चुनावी मौसम पर व्यंग्य के रूप में शब्दों के बाणों से हमला किया जा रहा है। सभी पार्टी के उम्मीदवार गाने, रील और रीमेक के जरिए अपने वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.

चुनावी संगीत में घुला गाना

दरअसल, चुनाव में जोश भरने के लिए गाने-कव्वाली, कविता-व्यंग्य और शायरी का सहारा लिया गया है. लोकसभा चुनाव में खासकर Uttarakhand की टिहरी गढ़वाल संसदीय सीट और पौडी संसदीय सीट पर सौरभ मैठाणी और अंजलि खरे का गाया गाना ‘मैं पहाड़ों कू रैबासी तू दिल्ली रौं वाली’ चुनावी संगीत का हिस्सा बन गया है.

इंटरनेट मीडिया पर अपलोड की गई रीलों में समर्थकों ने अपने प्रत्याशी और प्रतिद्वंद्वी की विशेष तस्वीरों को एडिट और मिक्स कर रील्स बनाई हैं। गाने की रील में शादियों में नाचने, हल चलाने, पहाड़ों में घूमने, पहाड़ों में प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी पीने जैसी पुरानी तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। विरोधियों की ओर से भी कमेंट्स के जरिए कटाक्ष किया जा रहा है.

इस गाने के जरिए पहाड़ी इलाकों के बाशिंदों का चुनावी मूड बदलने की भावनात्मक मुहिम चलाई जा रही है. चुनाव प्रचार अभी शुरू ही हुआ है और विभिन्न पार्टियों ने इंटरनेट मीडिया पर रीमिक्स और रील्स के जरिए अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. इनके अलावा अन्य गानों का संगीत भी चुनावी रंग में मिलाया जा रहा है.

इस गाने को सौरभ मैठाणी ने गाया है

पहाड़ों कू रैबासी तू दिल्ली रौं वाली गाना दिसंबर 2023 में रिलीज हुआ था। यह गढ़वाली गाना लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। इस गाने को Uttarkashi जिले के भेटियारा निवासी देश दीपक नौटियाल ने लिखा है. देश दीपक पेशे से इंजीनियर हैं. वर्तमान में कैम्ब्रिज, इंग्लैंड में स्थित एक मोबाइल चिप डिजाइनिंग कंपनी में कार्यरत हैं। इस गाने को सिंगर सौरभ मैठाणी और अंजलि खरे ने गाया है. YouTube पर अब तक इस गाने को 46 लाख व्यूज मिल चुके हैं. रीलमेकर्स ने इस गाने पर लाखों रील भी बनाई हैं. इस गाने के पार्ट टू को रिलीज करने की तैयारी चल रही है.

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