Bageshwar News: शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य हो कुमाउंनी, 13वां राष्ट्रीय कुमाउंनी भाषा सम्मेलन संपन्न

— कुमाउंनी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने पर जोर— भाषा से जुड़े साहित्यकार हुए सम्मानितसीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरयहां आयोजित तीन दिवसी तेरहवां कुमाउंनी राष्ट्रीय भाषा…

— कुमाउंनी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने पर जोर
— भाषा से जुड़े साहित्यकार हुए सम्मानित
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर

यहां आयोजित तीन दिवसी तेरहवां कुमाउंनी राष्ट्रीय भाषा सम्मेलन आज संपन्न हुआ। जिसमें गहन मंथन व चर्चा के साथ ही कुमाउंनी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य विषय के रूप में कुमाउंनी को शामिल करने की वकालत की गई। (आगे पढ़ें)

मुख्य अतिथि साहित्यकार व कवि गोपाल दत्त भटट ने कहा कि कुमाऊंनी को शैक्षिक पाठयक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। कहा कि यदि समय पर इस विषय पर कार्य नहीं किया तो आने वाले समय में यह भाषा विलुप्त हो जाएगी। अध्यक्षता करते हुए एडवोकेट जमन सिंह बिष्ट ने कहा कि कुमाऊंनी को संविधान की आठवीं अनुसूची में षामिल करने का कार्य राजनैतिक इच्छा शक्ति के बल पर ही किया जा सकता है। संचालन करते हुए पहरू के संपादक डा. हयात सिंह रावत ने कहा कि कुमाउंनी के संरक्षण हेतु सभी लोगों को आगे आने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य में अकादमी खोले जाने पर बल दिया। सम्मेलन में आयोजकों ने बागेष्वर में सम्मेलन करने पर डा. कुंदन रावत, डा. राजीव जोशी, नरेंद्र खेतवाल, गोपाल बोरा, किशन सिंह मलड़ा समेत उपस्थित जनता का आभार व्यक्त किया।
कुमाउंनी साहित्यकार सम्मानित (आगे पढ़ें)

सम्मेलन में कुमाउंनी साहित्य में अतुल्य योगदान देने वाले कई साहित्यकार सम्मानित हुए। जिसमें चंपावत से डा. कीर्तिबल्लभ सगटा को शेर सिंह बिष्ट पुरस्कार, बागेश्वर से केशवानंद जोशी को राम सिंह लोधियाल पुरस्कार, नैनीताल से मोहन चंद्र कबडवाल को बहादुर बोरा पुरस्कार, बागेश्वर से गोपाल बोरा को गंगा अधिकारी स्मृति पुरस्कार, घनानंद पांडे को बिक्टोरिया क्रास पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अलावा वैद्य कल्याण सिंह बिष्ट पुरस्कार से अंबा राम आर्या, हेमराज बिष्ट, ईशा धामी, नरेंद्र खेतवाल, दलीप सिंह खेतवाल को सम्मानित किया जबकि पान सिंह चम्याल पुरस्कार से दयालनंद आर्या, प्रवीण सिंह, राजेंद्र ढैला, हेम पंत को सम्मानित किया। बहादुर बनोला पुरस्कार से डा. पीतांबर अवस्थी, डा. गजेंद्र बटरोही, ओम प्रकाश आर्या, प्रकाश जोशी को सम्मानित किया गया। लेखन प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट लेखन में खुशाल सिंह, देवकीनंदन भटट, कौस्तुभानंद चंदोला, डा. पवनेश ठकुराठी, कृपाल सिंह, देवेंद्र कडाकोटी, तारा पाठक, डा. प्रदीप उपाध्याय, डा. मनोहर जोशी, किरन उपाध्याय, महेंद्र ढकुपटी, शिवदत्त पांडे, मोहन कबडवाल, महेश प्रसाद, केशवदत्त जोशी, डा. जगदीश पंत, दामोदर जोशी को सम्मानित किया गया।
पुस्तकों का विमोचन हुआ (आगे पढ़ें)

सम्मेलन में साहित्यकार गोपाल बोरा के नाटक नौ रत्न, दिनेश भटट के निबंध संग्रह हमरो पर्यावरण और जैव विविधता पुस्तकों का विमोचन किया गया। इसके अलावा साहित्यकार गोपाल दत्त भटट पर केंद्रित गोपाल दत्त भटट विशेषांक का लोकार्पण हुआ।
प्रदशर्नी रही आकर्षण (आगे पढ़ें)

सम्मेलन में कुमाउंनी भाषा आधारित किताबों की प्रदशर्नी आकर्षण का केंद्र रही। इसके अलावा कुमाउनी परिधान, खान पान व अन्य परंपराओं का प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र रहे। जबकि ललित तुलेरा के कैलीग्राफी चित्र भी काफी सराहे गए।

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