बागेश्वरः किसी न किसी कला में पारंगत होना जरूरी-थ्रीश कपूर

👉 सुमित्रानंदन पंत वीथिका कौसानी में बच्चों की 05 दिनी कार्यशाला सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बाल प्रहरी तथा भारत ज्ञान…

किसी न किसी कला में पारंगत होना जरूरी-थ्रीश कपूर

👉 सुमित्रानंदन पंत वीथिका कौसानी में बच्चों की 05 दिनी कार्यशाला

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बाल प्रहरी तथा भारत ज्ञान विज्ञान समिति अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में सुमित्रानंदन पंत वीथिका कौसानी में आज से बच्चों की 05 दिनी लेखन कार्यशाला का आगाज हो गया है। इसका उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि थ्रीश कपूर ने बच्चों से कहा कि हमें अपने जीवन में किसी न किसी कला में पारंगत होना चाहिए।

मुख्य अतिथि ने कहा कि हमें अपनी रूचि के अनुसार कला, संस्कृति, साहित्य व नाटक किसी न किसी विधा में अपनी पहिचान बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में एक अच्छे चिकित्सक, इंजीनियर या कलाकार बनें, लेकिन उससे पहले हमें एक अच्छा इंसान बनकर अपनी पहिचान बनानी चाहिए।

कार्यशाला के मुख्य संयोजक बालप्रहरी के संपादक एवं बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा के सचिव उदय किरौला ने बताया कि बाल प्रहरी द्वारा अभी तक देश के 16 राज्यों में 291 पांच दिवसीय कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कौसानी में 5 दिनी कार्यशाला में बच्चों को कहानी, कविता व निबंध आदि साहित्य की विभिन्न विधाओं की जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक बच्चे की हस्तलिखित पुस्तक तैयार की जाएगी। अंतिम दिन बाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसका संचालन व अध्यक्षता बच्चे करेंगे।

आज कार्यशाला की शुरुआत ज्ञान का दीया जलाने समूह गीत से हुई। इसके बाद नाम लेखन प्रतियोगिता, शब्द लेखन प्रतियोगिता तथा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में बच्चों को पुरस्कार में बाल साहित्य उपहार में दिए गए। बच्चों को कविता लेखन की जानकारी दी गई। बच्चों ने अपनी हस्तलिखित पुस्तक के लिए मेरा परिचय, मेरे जीवन की घटना आदि आलेख तैयार किए। शिक्षक तथा कार्यशाला के सह संयोजक हरेंद्र सिंह रावत, चंद्रकला उप्रेती व पंकज पांडे ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के मूल्यांकन में सहयोग किया।

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