Almora : बढ़ती कीमतों में भारतीय मजदूर संघ लाल, प्रदर्शन, पीएम को भेजा ज्ञापन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा खाद्य पदार्थ, पेट्रोलियम पदार्थ सहित तमाम आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ की जिला…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

खाद्य पदार्थ, पेट्रोलियम पदार्थ सहित तमाम आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ की जिला इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर यहां गांधी पार्क में जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया।

तय कार्यक्रम के अनुसार संगठन के तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता यहां गांधी पार्क में जमा हुए और उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के लगातार फैलने के बाद औद्योगिक गतिविधियों में आई गिरावट, आर्थिक कार्यकलापों के क्षरण और बढ़ती हुई बेराजगारी, वेतन कटौती और अब आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी से सामान्य जन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। महंगाई आम जनता के साथ-साथ श्रमिकों, कर्मचारियों को विशेष तौर पर प्रभावित कर रही है। विगत 15 माह से महंगाई दर 6 प्रतिशत की सीमा पार कर चुकी है, जबकि पिछले पांच वर्षों में महंगाई दर 3 से पांच प्रतिशत के बीच रही।

उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों एवं दवाइयों के मूल्यों में वृद्धि ने जनता, कर्मचारियों व श्रमिकों का जीवन कठिन बना दिया है। अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों में बढ़ोत्तरी के नाम पर देश में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ायी जा रही हैं। सरकार को ये अनचाही महंगाई पर नियंत्रण करना चाहिए। कंपनियां उपभोक्ताओं को लूटने के लिए कालाबाजारी करके मौके का अनुचित फायदा उठा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3(1) में से खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, प्याज और आलू को मुक्त कर दिया गया। सरकार की भावना किसानों की मदद के लिए हो सकती है, परन्तु इसका लाभ सटोरियों और कालाबाजारियों ने उठाया और बाजार में इसकी कृत्रिम कमी करके इनके मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि भी की है।

कच्चे तेल धातु आदि की कीमतों में बढ़ोत्तरी भी आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों की बढ़ोत्तरी का कारण है। देश में भवन निर्माण कार्य महंगा होता जा रहा है। कंपनियां आपस में सांठ—गांठ करके कीमतों में कृत्रिम बढ़ोत्तरी करके लाभ कमाने का प्रयास कर रही है, जिसे रोका जाना आवश्यक है। धातुओं में अन्य आयातित वस्तुओं की बढ़ती हुई कीमतें लम्बे समय तक चलने वाली उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत उत्पादन लागत से एक अनुपात में होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ की यह मांग है कि उत्पादनकर्ता द्वारा प्रत्येक वस्तु की लागत मूल्य की घोषणा को अनिवार्य करने का कानून बनाकर इसे लागू किया जाये। आवश्यक वस्तुओं एवं पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोत्तरी पर नियंत्रण रखा जाये। पेट्रोलियम पदार्थों के प्रतिदिन कीमत निर्धारण पद्धति का समापन किया जाये और पेट्रोलियम पदार्थों को जी०एस०टी० के दायरे में लाया जाये। धातुओं व अन्य वस्तुओं की अन्तर्राष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोत्तरी के छद्म बहाने द्वारा व्यक्तियों एवं कम्पनियों का गैर वाजिब लाभ रोका जाये और इस तरह के मामले में दोषी व्यक्तियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाये। किसानों को पारिश्रमिक भुगतान द्वारा खाद्य पदार्थों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हेतु कदम उठाये जाये। खाद्य तेलो, दालो एवं अन्य पदार्थों के सन्दर्भ में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खाद्य पदार्थों के मूल्यों पर नियंत्रण किया जाये। सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के श्रमिक/कर्मचारियों के वेतन बढ़ाकर महंगाई की क्षतिपूर्ति हेत कदम उठाये जायें। सभी विभागों व निगमों में संविदा एवं आउटसोर्स से नियुक्तियों पर पूरी तरह से रोक लगाते हुए नियमित अथवा तदर्थ नियुक्तियां की जायें। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करने की नीति बदलते हुए सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के सह अस्तित्व की नीतियां बनाई जाये। पर्वतीय राज्यों में सार्वजनिक परिवहन को सरकारी स्तर पर संचालित किया जाये, निगमों का राजकीयकरण किया जाये।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष उमेश जोशी, जिला मंत्री मदेश चंद्र जोशी, मदन सिंह बिष्ट, गौरव साह, कौशल कुमार, सुशील चंद्र जोशी, मनोज भट्ट, गुलाब सिंह, महेंद्र मेर, राजेंद्र अधिकारी, गिरीश दुर्गापाल, कैलाश, भगवंत मेहरा, किशोर लाल, भगत कुमार आदि मौजूद थे।

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