शहर में आवारा कुत्तों के हमले में बच्चे घायल, दो एम्स रेफर
सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी। नगर क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ने लगा है। रविवार को भीड़भाड़ वाले बनभूलपुरा की नई बस्ती में कुत्तों ने घर के पास ही खेल रहे तीन बच्चों पर हमला कर उन्हें बुरी तरह काट लिया। दो बच्चों की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद अयूब के 14 साल के बेटे बिलाल, सोनम 5 साल पुत्री राकेश तथा 13 साल के एक बच्चे पर आवारा कुत्ते झपट पड़े। एक स्थानीय बालक रोहित व अन्य के प्रयासों से बमुश्किल कुत्तों से घिरे बच्चों को छुड़ाया गया। जिसके बाद सभी जख्मी बच्चों को सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया।
प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि 5 साल की सोनम तथा 14 साल के बिलाल की त्वचा पर गहरे जख्म होने के कारण दोनों को प्लास्टिक सर्जरी की आवश्यकता है। ईएनटी और सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने परिजनों को प्लास्टिक सर्जरी की राय दी है और हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया है। वहीं एक 13 साल के किशोर का उपचार सुशीला तिवारी में ही चल रहा है।
कुत्तों के इतने खूंखार होने की वजह कहीं यह तो नहीं !
अकसर देखा गया है कि इंसानों या अन्य जानवरों पर जानलेवा हमला करने की प्रवत्ति उन कुत्तों में अधिक होती है, जिन्हें भोजन में कच्चा मांस खाने की आदत होती है। लॉक डाउन के दौरान अल्मोड़ा में कुत्तों के एक खूंखार झुंड द्वारा आधे दर्जन से अधिक बकरियों की जान ले ली गई थी। उक्त घटना काफी चर्चित रही थी। तब यह पाया गया था कि शहर के कुछ मीट विक्रेता की दुकानों से इन्हें बचा—खुचा मांस मिलता था। बनभूलपुरा के मामले में जांच की जरूरत है कि बच्चों पर इतने भयानक अंदाज में हमला करने वाले यह आवारा कुत्ते इतने खूंखार कैसे हो गए कि इन्होंने दो बच्चों के जबड़े ही अलग कर दिए। बहुत संभव है कि किसी मीट आदि की दुकान से यह बोटियां खाने के आदी हैं, अथवा कहीं से इन्हें बचा—खुचा मांस मिलता हो।