इंजीनियरिंग कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं पर हाईकोर्ट सख्त, जारी हुआ आदेश

13 दिन में जवाब दाखिल करें एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टेक्निकल सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा अल्मोड़ा के द्वाराहाट में स्थित बिपिन चंद्र त्रिपाठी कुमाऊं इंजीनियरिंग कॉलेज की…

  • 13 दिन में जवाब दाखिल करें एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टेक्निकल

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

अल्मोड़ा के द्वाराहाट में स्थित बिपिन चंद्र त्रिपाठी कुमाऊं इंजीनियरिंग कॉलेज की वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की।

मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले मे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टेक्निकल का जवाब तलब कर 13 दिसंबर तक यह बताने को कहा है कि कोर्ट के आदेश होने के बाद भी अभी तक आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ। साथ ही इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार, चेयरमैन इंजीनियरिंग कॉलेज द्वाराहाट, प्रोफेसर मनोज कुमार पांडा, कविता नबियाल, वीएम मिश्रा, डीएम अल्मोड़ा, वीसी उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी, अजीत सिंह, केएस वैशला और विशाल कुमार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है।

मामले के मुताबिक, द्वाराहाट निवासी राज्य आंदोलनकारी चंदन सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कॉलेज बनाने के लिए उन्होंने अपनी भूमि दान में दी थी। पिछले कुछ समय से इंजीनियरिंग कॉलेज में स्टाफ द्वारा सरकारी कागजों में हेराफेरी, नियुक्तियों में गड़बड़ी व धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस संबंध में उनके द्वारा पूर्व में सरकार को प्रत्यावेदन दिया था, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

21 दिसंबर 2020 को हाइकोर्ट ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टेक्निकल को निर्देश दिए थे कि उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित करें। लेकिन सेक्रेटरी द्वारा उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित न कर अलग से एक आदेश जारी कर कहा कि मामले की जांच हेतु उन्होंने एक कमेटी गठित कर दी है और कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही इस प्रत्यावेदन को निस्तारित करेंगे। याचिकाकर्ता का कहना है 11 महीने बीत गए न तो जांच की गई न ही उनका प्रत्यावेदन निस्तारित किया गया।

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