नैनीताल| हाईकोर्ट नैनीताल ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने व पेड़ काटने के आरोपी उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सिद्धू के खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में सरकारी जमीन पर कब्जा करने व पेड़ काटने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस मामले में बीएस सिद्धू ने याचिका दायर कर कहा है कि इसी आरोप में उनके खिलाफ 2013 में भी मुकदमा हुआ था, जो विचाराधीन है और उसी मामले में फिर से मुकदमा दर्ज किया गया है। नियमानुसार एक आरोप के लिये दो मुकदमे दर्ज नहीं किये जा सकते। उन्होंने 23 अक्टूबर को उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है। उनके खिलाफ आई पी सी की धारा 166,167,419,420,467,468,471,120 बी आदि के तहत मुकदमा दर्ज है।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय मिश्रा की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद सिद्धू की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उनसे जांच में सहयोग करने को कहा है। साथ ही सरकार से एक आरोप में दो बार मुकदमा दर्ज करने पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। अगली सुनवाई 16 नवम्बर की तिथि नियत की है।
बीते दिनों आरक्षित वन भूमि कब्जाने के कथित फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज होने के बाद उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू ने दावा किया था कि यह मामला पहले से ही अदालत में विचाराधीन है और शासन को गुमराह कर उनके खिलाफ दोबारा मुकदमा दर्ज किया गया है।
उत्तराखंड सरकार से अनुमति मिलने के बाद मसूरी के प्रभागीय वन अधिकारी आशुतोष सिंह ने 23 अक्टूबर को सिद्धू और सात अन्य के खिलाफ राजपुर थाने में आरक्षित वन भूमि जमीन कब्जाने और सरकारी पद का दुरुपयोग करने का मुकदमा दर्ज कराया है ।
पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, बीएस सिद्धू ने 2012 में अपर पुलिस महानिदेशक पद पर रहते हुए मसूरी वन प्रभाग में पुरानी मसूरी रोड स्थित वीरगिरवाली गांव में 0.7450 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि कथित रूप से फर्जीवाड़ा कर खरीदी। आरोप है कि उस जमीन पर लगे साल के 25 वृक्षों को भी उन्होंने अवैध तरीके से कटवा दिया। सिद्धू ने आरोप लगाया है कि 2013 में जमीन पर पेड़ कटे होने की जानकारी देने के बाद ही वन विभाग ने मामले में कार्रवाई शुरू की थी।
Chalo 2 baar 1 hi aarop mein mukadma darz nahin ho sakta, ho sakta hai atirikt dhharayein lagayin hon.
Aur dono hi haalat mein arrest toh ho hi sakti hai. Ex-DGP hone pe chhoot kis baat ki, balki lamba andar jaana chahiye, kyonki kanoon ka gyata hai