राजस्व ग्रामों का मामला : टिहरी विस्थापितों के गांवों के बहाने हरीश रावत ने फिर जगाया बिंदुखत्ता सहित अन्य गांवों का सोया जिन्न

हल्द्वानी। देहरादून और हरिद्वार में बसे टिहरी के विस्थापितों के गावों को राजस्व ग्राम बनाने की सरकारी को घोषणा के बहाने पूर्व सीएम हरीश रावत…

हल्द्वानी। देहरादून और हरिद्वार में बसे टिहरी के विस्थापितों के गावों को राजस्व ग्राम बनाने की सरकारी को घोषणा के बहाने पूर्व सीएम हरीश रावत ने बिंदुखत्ता पापड़ी और उधमसिंह नगर के कई ऐसे गांवों की याद सरकार को दिला दी है। आज सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाल कर उन्होंने दर्जनों ऐसे गांवों का सोया हुआ जिन्न जगा दिया है। जो कभी से राजस्व ग्राम के दर्जे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को टैग करते हुए लिखा है कि इन गांवों के लिए उनके मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया था लेकिन भाजपा सरकार ने इस कवायद को रोक दिया है।

देखें हरीश रावत की पोस्ट

एक अच्छी खबर है, हमारे #टिहरी के विस्थापित भाईयों के लिये जो देहरादून और हरिद्वार के जिन गांव में वो रह रहे हैं, उनको अब ग्राम #पंचायत का दर्जा मिल गया है, उनको मैं बधाई देना चाहता हूं और मुझे विश्वास है कि, ऐसे सभी लोगों को यहां तक कि, वन #गुर्जरों के मामले में भी उनको भूमिधर अधिकार भी सरकार देगी। मगर #मुख्यमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि, जरा बिंदुखत्ता, पापड़ी और उधमसिंहनगर में ऐसे दर्जनों गांव हैं, उनकी तरफ देखियेगा। कुछ लोग जो इंद्रा ग्राम व हरीनगर के तौर पर बसे थे, उनके लिये हमारी मंत्रिमंडल ने एक फैसला किया था कि, उन जमीनों को उनका मालिकाना हक देने का, जिसको आपकी सरकार ने रोक दिया है, उस काम को भी जरा आगे बढ़ाईये।

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