1 से 15 वर्ष के बच्चों को लगेगा जापानी इंसेफेलाइटिस का टीका
हल्द्वानी। दिमागी बुखार (जापानीज इंसेफेलाइटिस) के टीकाकरण के लिए 18 जुलाई से अभियान शुरू होगा। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. भागीरथी जोशी ने बताया है कि दिमागी बुखार (जापानीज इंसेफेलाइटिस) मच्छर जनित एक घातक बीमारी है। इस बीमारी से 1 से 15 वर्ष के आयु के बच्चों के ग्रसित होने की सम्भावना बनी रहती है एवं दिमागी बुखार होने पर बच्चों को आजीवन विकलांगता तथा बच्चों की जान के लिए खतरा हो सकता है।
डॉ. जोशी ने बताया..
डॉ. जोशी ने बताया कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए जनपद के मैदानी ब्लॉक कोटाबाग, हल्द्वानी एवं रामनगर में 1 वर्ष से 15 वर्ष के बच्चों का जापानीज इंसेफेलाइटिस वैक्सीनेशन 18 जुलाई से वृहद टीकाकरण प्रारम्भ किया जायेगा। नियमित टीकाकरण में बच्चों को जापानीज इंसेफेलाइटिस वैकसीन प्रथम डोज 9 माह एवं द्वितीय डोज 16-24 माह में दी जायेगी।
दिमागी बुखार के टीकाकरण में सहयोग करें
मुख्य चिकित्साधिकारी ने जनपद के सभी अभिभावकों एवं समस्त जनता से विनम्र अनुरोध किया है कि दिमागी बुखार (जापानीज इंसेफेलाइटिस) के वृहद टीकाकरण में सहयोग करें जिससे जनपद के 01 वर्ष से 15 वर्ष आयु वर्ग के लगभग दो लाख बच्चों को टीका लगाया जा सके। उन्होंने कहा जापानीज इंसेफेलाइटिस वैक्सीन पूर्णतः सुरक्षित टीका है जनपद उधमसिह नगर में वर्ष 2012 से सभी बच्चों को यह टीका लगाया जा रहा है।
जेई/एईएस के लक्षण
जेई संक्रमित मच्छर काटने के 5-15 दिन बाद रोग के लक्षण दिखने लगते हैं। इसमें तेज बुखार, सिर दर्द, बेहोशी एवं झटके आना है। कमजोरी, चिड़चिड़ापन, कपड़े में ही पेशाब एवं शौच होना, बोलने तथा चलने में दिक्कत होना।
जेई/एईएस से बचाव
-मच्छरों से बचाव करें।
-मच्छर मारने के लिए दवा छिड़काव एवं व फागिंग जरूरी।
-दूषित पानी का सेवन न करें।
-आसपास साफ सफाई रखें।
-आबादी क्षेत्र में सूअरों को दूर रखें।
-शौचालय का प्रयोग करें।
-बच्चों की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
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