सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिले में लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि ने फसलों व बागवानी को खासा नुकसान पहुंचाया है। आपदा की दोहरी मार झेल रहे काश्तकार अब सरकार से मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं।
बुधवार को एक बार फिर कई जगहों पर ओलावृष्टि व बारिश हुई। पहाड़ में पिछले एक सप्ताह से मौसम का यही हाल है। ओलावृष्टि से कपकोट, गरुड़, बागेश्वर ब्लाकाें में बागवानी को खासा नुकसान हुआ है। इस समय अखरोट, आडू, प्लम, खुमानी आदि में फूलों के साथ अंकुरण शुरु हो गया था। लेकिन ओलावृष्टि ने बुरी तरह से फसलों को प्रभावित किया है। अंकुरित दाने ओलाें की मार से नही बच पाए हैं। बास्ती गांव में अखरोट की अच्छी बागवानी होती थी। जिससे काश्तकार अच्छा मुनाफा कमाते थे।
लेकिन इस बार ओलों ने फसल पूरी तरह नष्ट कर दी है। ऐसा ही हाल गेहूं की फसल का है। कत्यूर घाटी गरुड़ में तो गेहूं सड़ने की कगार पर पहुंच गया है।
प्रधान केदार सिंह महर, काश्तकारों जवाहर सिंह, मोहन सिंह, कुँवर सिंह, नेत्र सिंह, मोहनी देवी, नंदन सिंह, खुशाल सिंह, भगवान सिंह, भूपाल सिंह, प्रेम सिंह, धन सिंह, दीवान सिंह आदि ने कहा कि पहले कोरोना से बेहाल थे अब इस मौसम ने कमर तोड़ कर रख दी है। सरकार काश्तकारों को इसे आपदा मानते हुए शीघ्र मुआवजा दें। संबंधित विभाग से निरीक्षण भी कराएं ताकि काश्तकारों को उचित सहायता मिल सके। इधर इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्या का कहना है कि बारिश व ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान का आंकलन कराया जाएगा। जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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