✒️ सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की अपूरणीय क्षति
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा के सेवानिवृत्त कला शिक्षक, प्रख्यात मेकअप आर्टिस्ट व दशहरा महोत्सव के दौरान विगत 40 सालों से मेघनाद पुतला निर्माण से जुड़े सुनील टम्टा का आकस्मिक निधन हो गया है। वह बीते लंबे समय से कैंसर रोग से ग्रसित थे और हल्द्वानी में उनका उपचार चल रहा था। आज बुधवार सुबह हल्द्वानी के एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर संस्कृति प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार राजकीय इंटर कालेज अल्मोड़ा से सेवानिवृत्त नगर के नृसिंहबाड़ी निवासी सुनील टम्टा का आज सुबह हल्द्वानी के एक प्राइवेट अस्पताल में सुबह चार बजे निधन हो गया। उनकी पार्थिव देह का यहां विश्वनाथ घाट में अंतिम संस्कार किया गया। वह अपने पीछे पत्नी करूणा टम्टा तथा पुत्र गीतांग टम्टा व पुत्री गितांक्षी टम्टा को छोड़ गये हैं। उनकी पत्नी आंगनबाड़ी में कार्यरत हैं।
इधर तमाम रंग कर्मियों, संस्कृति कर्मियों व कलाकारों में उनके निधन के बाद शोक की लहर दौड़ गई है। कला शिक्षक व आर्टिस्ट हिमांशु गुप्ता ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि बाल्यकाल से ही उन्होंने अपने गुरू रहे सुनील टम्टा से शिक्षा ग्रहण की है और उनके दिशा-निर्देशन में कला की बारीकियां सीखी हैं। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा का जो ऐतिहासिक दशहरा महोत्सव है, वह ऐसे ही उम्दा कलाकारों की वजह से आज अपने इस मुकाम पर पहुंचा है।
हिमांशु ने कहा कि सुनील टम्टा का निधन उनके लिए ही नहीं, बल्कि कला जगत से जुड़े हर व्यक्ति के लिए अपूरणीय क्षति है। वह हर साल दशहरा महोत्सव के दौरान मेघनाथ के बेहद आकर्षक पुतले का निर्माण करते थे। उनकी कला से प्रेरणा लेकर ही बहुत से कलाकारों ने पुतला निर्माण के गुर सीखे हैं। यही नहीं, सुनील टम्टा मुरली मनोहर की रामलीला में मेकअप आर्टिस्ट भी रहे हैं। उनके निधन से कला जगत में शोक का माहौल है। इधर दीप पांडे, त्रिभुवन गिरी महाराज, ध्रुव तारा जोशी, प्रो. शेखर जोशी आदि ने उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना जाहिर की है।