शासन ने ली सुध, लोक कलाकारों की हुई बड़ी जीत, आंदोलन स्थगित

✒️ लोक कलाकारों ने दिया 26 जनवरी तक का अल्टीमेटम ✒️ प्रेस वार्ता में मीडिया से मुखातिब हुए संस्कृति/रंग कर्मी अल्मोड़ा। लोक कलाकार महासंगठन के…

लोक कलाकार महासंगठन

✒️ लोक कलाकारों ने दिया 26 जनवरी तक का अल्टीमेटम

✒️ प्रेस वार्ता में मीडिया से मुखातिब हुए संस्कृति/रंग कर्मी

अल्मोड़ा। लोक कलाकार महासंगठन के बैनर तले यहां लंबित मांगों को लेकर कलाकारों का चल रहा धरना-प्रदर्शन शासन के सार्थक आश्वासन के बाद स्थगित हो गया है। बकायदा आज वरिष्ठ संस्कृति कर्मियों ने प्रेस वार्ता कर मीडिया को यह जानकारी दी।

आज शनिवार को जिला इकाई अल्मोड़ा के तत्वाधान में आयोजित प्रेस वार्ता में वक्ताओं ने बताया कि
संस्कृति निदेशालय उत्तराखंड के खिलाफ चल रहे धरने को 26 जनवरी 2022 तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि संस्कृति निदेशालय द्वारा संगठन की प्रमुख मांग लंबित बिलों के भुगतान के लिए कार्रवाई करते हुए लेखाकार सतपाल सिंह राणा को जिम्मेवारी सौंपी गई है। सख्त तौर पर निर्देशित किया गया है कि लंबित बिलों का तुरंत भुगतान करें। वरना संपूर्ण जिम्मेवारी सतपाल सिंह राणा की होगी।

उन्होंने कहा कि जीएसटी संबंधित मांग को लेकर के संस्कृति निदेशालय द्वारा निर्देशित किया गया है कि अन्य राज्यों में अगर जीएसटी नहीं ली जा रही है तो यहां भी जीएसटी को हटा दिया जाएगी। उनका कहना है कि अन्य राज्यों से साक्ष्य मंगवा कर के सांस्कृतिक दलों से जीएसटी हटाने की कार्रवाई की जाएगी। कलाकारों के मानदेय को लेकर के बात करने पर संस्कृति विभाग के प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि इस विषय पर विचार किया जा रहा है।

प्रेस वार्ता में कहा गया है कि अगर 26 तारीख तक ऑडिशन की डेट नहीं निकाली जाती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सूचना एवं लोक संपर्क निदेशालय देहरादून की होगी।
प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष गोपाल चम्याल ने कहा कि संस्कृति विभाग को मंडल वाइज शिविर लगाने चाहिए, ताकि कलाकारों की समस्याओं का मंडल स्तर पर निराकरण हो सके। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग कलाकारों को पेंशन एवं अनुसूचित जाति के कलाकारों को लोक कला के लिए मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार की नीतियों का प्रचार प्रसार होने चाहिए। कलाकारों को एवं दल नायकों का मानदेय इस महंगाई के दौर में बढ़ना चाहिए। संस्कृति विभाग कम से कम 3 महीने के अंदर कार्यक्रम के उपरांत सांस्कृतिक लोक दलो का भुगतान कर सके। इस तरह की नियम बनना चाहिए।

इसके अलावा संस्कृति विभाग अपने मूल उद्देश्यों को ना भूले। उत्तराखंड के समस्त दलों के साथ समन्वयक बनाकर कार्य करें। कलाकारों के लिए रोजगार नीति तैयार करें। नहीं तो आने वाले समय में लोक कलाकार लोक संस्कृति से विमुख होते जाएंगे। जिला अध्यक्ष देवेंद्र भट्ट ने प्रदेश के समस्त लोक कलाकारों के साथ-साथ समस्त मीडिया, व्यापार मंडल अल्मोड़ा के अध्यक्ष सुशील साह, गोल्डन परिवार के संयोजक सूरज वाणी, छात्रसंघ एसएस जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा नवनिर्वाचित सभी पदाधिकारी, परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, आनंदी वर्मा, समाजसेवी पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष भैरव गोस्वामी एवं पूर्व महासचिव मनोज पवार, छात्र नेता दीक्षा सुयाल का आंदोलन में सहयोग देने के लिए तहे आभार जताया।

प्रेस वार्ता में वरिष्ठ रंगकर्मी दीवान कनवाल, रमेश लाल, गोकुल बिष्ट, सुरेश लाल, प्रदेश लोक कलाकार महासंघ के अध्यक्ष गोपाल चम्याल, प्रदेश महिला उपाध्यक्ष ममता बानी भट्ट के अलावा जिला कार्यकारिणी के अध्यक्ष देवेंद्र भट्ट उपाध्यक्ष, संदीप नयाल, महिला उपाध्यक्ष शीला पंत, महासचिव दयानंद कठैत, उपसचिव इंदर गोस्वामी एवं मनोज चम्याल, संगठन मंत्री मनीषा आर्य, निशा मेहरा, जिला कार्यकारिणी सदस्य शेखर कुमार, प्रकाश कुमार एवं संस्कृति विभाग के प्रतिनिधि के तौर पर प्रशासनिक अधिकारी शिवराज बिष्ट उपस्थित रहे।

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