अद्भुत : कोरोना काल में रचनाशीलता को नया आयाम देती हैं प्रो. शेखर चंद्र जोशी की यह फिंगर नेल पेंटिंग्स, आप भी लीजिए आनंद….

अल्मोड़ा। कुमाऊं विश्वविद्यालय के फैकल्टी आफ विजुअल आर्ट, एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के डीन प्रोफेसर शेखर जोशी मूलत: एक ऐसे कलाकार हैं, जिनकी सृजन​शीलता देश काल…

अल्मोड़ा। कुमाऊं विश्वविद्यालय के फैकल्टी आफ विजुअल आर्ट, एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के डीन प्रोफेसर शेखर जोशी मूलत: एक ऐसे कलाकार हैं, जिनकी सृजन​शीलता देश काल और परिस्थिति की कभी भी मोहताज नही रही है। यही कारण है कि इस कोरोना काल में भी उन्होंने अपनी रचनाशीलता को बड़े ही अनूठे अंदाज में समाज के सामाने प्रस्तुत किया है। आज उनके इस खास अंदाज की बहुत प्रशंसा हो रही है।

बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना

इन दिनों उन्होंने रचनात्मकता को प्रदर्शित करने के लिए ई पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई है, जो कला को वास्तविक पारखियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है। आपको बता दें कि यह प्रदर्शनी कोरोना महामारी पर केंद्रीत है, जिसमें कोरोना के शिकार हुए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि और कोराना योद्धाओं को सम्मान प्रदान किया गया है।

Virus That isolated us

यही नही उन्होंने इस महामारी से निपटने के लिए अपने ही अंदाज में प्रार्थना भी की है। इस प्रदर्शनी को ई शोलो का नाम दिया गया है तथा इसमें कोरोना से जुड़े कुल 42 पेंटिंग हैं, जिन्हें कोरोना काल में ही तैयार किया गया है। ये सभी फिंगर नेल पेंटिंग्स हैं जिन्हें कागज पर नाखूनों के दबाव से बनाया जाता है तथा बाद में बिना ब्रश के रंगा जाता है।

Pain during crisis


रविवार से उत्तराखंडआर्टडाटकाम पर शुरू हुई उनकी ई पेटिंग प्रदर्शनी सोशल मीडिया में आकर्षक का केंद्र बनी हुई है। कोरोना पर बनी पेटिंग को शीर्षक भी दिए गए हैं। जैसे विश्व में फैलता कोरोना, कोरोना संकट का दर्द, लाकडाउन में मंदिर, समाज से दूरी, सेल्फ आइसोलेशन, आइसोलेट वायरस, मास्क के पीछे चेहरा, आस—पास कोई नहीं है, आदि कुछ प्रमुख तस्वीरें हैं। अलबत्ता इतना कहा जा सकता है कि नख शिख कला के महारथी प्रो. जोशी की यह ई—प्रदर्शनी कला के पारखियों के बीच चर्चा और आकर्षण का केंद्र बनने में सफल साबित हुई है.

प्रो. शेखर जोशी की पेंंटिंग देखने के लिए इस लिंक पर​ क्लिक करें

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