सीएनई न्यूज अल्मोड़ा/सुयालबाड़ी
नगर के ऐतिहासिक डोली डाना मंदिर से लगे जंगल को शाम करीब 5.30 बजे किन्हीं शरारती तत्वों ने आज आग के हवाले कर दिया, जिससे आग हर तरफ फैलने लगी और मंदिर परिसर के भी इसकी चपेट में आने का खतरा पैदा हो गया। यहां चीढ़ के एक पेड़ भी आग की लपटों में घिर गया। इस विषम संकट की घड़ी में ड्यूटी पर तैनात कैंट बोर्ड के कर्मचारियों तथा शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता गणेश दत्त जोशी ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। गणेश दत्त जोशी ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि जंगल को आग को हवाले करने वाले तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाये।उल्लेखनीय है कि ब्रिटिशकालीन डोलीडाना मंदिर में करबला तिराहे से लगभग डेढ़ किमी की पैदल यात्रा के बाद पहुंचा जाता है। यह मंदिर चीढ़ के वृद्धों से घिरे जंगल में स्थित है। शहर के शोरगुल से दूर प्राकृतिक सौंदर्य के बीच इस मंदिर के दर्शन करना बहुत ही सुखद अनुभूति देता है। डोलीडाना मंदिर के निकटवर्ती वन क्षेत्र में वनाग्नि पर यदि समय पर काबू नही पाया जाता तो सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की एक ऐतिहासिक धरोहर आग में झुलस चुकी होती। इधर सुयालबाड़ी संवाददाता के अनुसार सुयालबाड़ी के निकटवर्ती अल्मोड़ा जनपद अंतर्गत आने वाले वन्य क्षेत्रों में आग लगातार बढ़ रही है और ग्रामीण इस पर काबू पाने के लिए जूझ रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक कोई भी वन विभाग का अधिकारी मौके पर नही पहुंचा था।